जींद : गांवों में पहले तालाब के पानी को लोग घरेलू कार्यों में भी प्रयोग करते थे। तालाब (Ponds in Jind) के आसपास भूमिगत पानी की गुणवत्ता भी सही होती थी। जिससे तालाब के पास ही कुआं होता था, जिससे पीने का पानी भरते थे। लेकिन अब गांवों में आधे से ज्यादा तालाबों का पानी पशुओं को पिलाने के भी लायक नहीं है।
तालाबों में सीवरेज का पानी डाला जा रहा है। ऐसे में तालाबों के आसपास भमिगत पानी भी पीने लायक नहीं होता। जिले में 300 ग्राम पंचायत (total panchayat in jind) हैं। गांवों में 1229 तालाब हैं। जिनमें से 410 तालाबों में ही साफ पानी है, जो पशुओं के लिए पीने लायक है। 785 तालाबों में सीवर का पानी जा रहा है। वहीं 34 तालाब सूखे हैं। जिन तालाबों में गंदा पानी भरा हुआ है, वो प्रयोग में नहीं है।
खोदाई नहीं होने के कारण ऐसे तालाबों (ponds in jind) का पानी नीचे जमीन में भी रिचार्ज नहीं होता है और बरसाती सीजन में ये ओवरफ्लो हो जाते हैं। जिससे ग्रामीणों की दिक्कत बढ़ जाती है। ज्यादातर गांवों में सीवरेज निकासी के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। जो तालाब गांव की आबादी के बीच में आ चुके हैं, उनका प्रयोग निकासी के रूप में ही हो रहा है।
Ponds in jind : 785 तालाबों में जा रहा गंदा पानी, तालाब की जमीन पर लोगों ने किए कब्जे
तालाबों की जमीन पर कब्जे भी हो रहे हैं। ज्यादातर गांवों में तालाबों की जमीन पर लोगों ने कब्जे किए हुए हैं। काफी जगहों पर तो तालाब की जमीन पर मकान भी बने हुए हैं। इन कब्जों को छुड़वाने के लिए ग्रामीण और ग्राम पंचायतें रुचि लेती हैं और प्रशासन के स्तर पर भी कार्रवाई को लेकर उदासीन रवैया रहता है। कितने तालाबों पर कब्जा है, इसका आधिकारिक आंकड़ा भी प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है।
अमृत सरोवर योजना में 215 तालाब शामिल
अमृत सरोवर योजना के तहत सरकार तालाबों की स्थिति सुधारने पर काम कर रही है। जिले में 215 तालाबों का चयन इस योजना के तहत हुआ है। वहीं 15 तालाबों में अमृत प्लस योजना के तहत काम पूरा हो चुका है। 148 तालाबों में काम जारी है। 35 तालाबों के रिवाइज एस्टीमेट पंचायती राज विभाग द्वारा मुख्यालय भेजे गए हैं। आठ तालाबों में योजना के तहत कार्य के लिए वर्क अलाट हो चुका है। अब तक अमृत सरोवर योजना के तहत 20 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च हुई है।
लोगों का सहयोग भी जरूरी
पंचायती राज विभाग के एक्सईएन पोषन कन्यान ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों की खोदाई करके उनमें साफ पानी भरा जाएगा। 215 तालाब जींद जिले के इस योजना में शामिल हैं। 15 तालाबों का काम पूरा हो चुका है। वहीं 148 तालाबों का काम जारी है। कुछ के वर्क आर्डर जारी हो चुके हैं और कुछ के दोबारा एस्टीमेट भेजे हुए हैं। इस कार्य में ग्रामीणों (ponds history) का सहयोग भी जरूरी है।