jind zila parisad : जींद : जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को बुलाई बैठक स्थगित हो गई। अब ये बैठक दोबारा बुलाई जाएगी। बैठक स्थगित होने का कारण डीसी मोहम्मद इमरान रजा के अवकाश पर जाना बताया गया है। हालांकि बैठक स्थगित होने के पीछे का कारण विरोधी खेमे द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी बहुमत नहीं जुटा पाना माना जा रहा है।
विरोधी खेमे को चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाने के लिए 17 पार्षदों का बहुमत चाहिए था। चेयरपर्सन सहित जिला परिषद में कुल 25 पार्षद हैं। दो दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए 18 पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा को शपथ पत्र सौंपे थे। लेकिन उनमें से कुछ पार्षदों के वापस चेयरपर्सन के पाले में जाने की आशंका है। शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गई थी।
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा (manisha randhawa) बैठक से पहले ही कार्यालय में पहुंच गई थी। लेकिन विरोधी खेमे से वाइस चेयरमैैन सतीश हथवाला सहित कोई जिला पार्षद नहीं पहुंचा। प्रशासन की तरफ से बैठक को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस कर्मी भी पहुंचे हुए थे। बैठक स्थगित होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस कर्मी वापस चले गए। वहीं कर्मचारी डीआरडीए हाल में बैठक के लिए लगाए माइक व अन्य सामान को समेट कर चले गए।
एडीसी एवं जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तरफ से बैठक स्थगित होने का पत्र शुक्रवार को ही जारी किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक स्थगित होना चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की पहली जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
jind zila parisad : कुर्सी की लड़ाई में बजट का वितरण भी अटका
विकास कार्यों के लिए पिछले माह प्रदेश सरकार ने जिला परिषद को करीब छह करोड़ रुपये का बजट जारी किया हुआ है। जिसके वितरण को लेकर चेयरपर्सन की तरफ से छह दिसंबर को बैठक बुलाई गई थी। लेकिन वाइस चेयरमैन गुट की तरफ से चेयरपर्सन के खिलाफ दो दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए डीसी को शपथ पत्र सौंप दिए गए। जिसके बाद चेयरपर्सन ने छह दिसंबर की बजट वितरण की बैठक को स्थगित कर दिया। जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक बजट वितरण की बैठक होना मुश्किल है।
jind zila parisad : चेयरपर्सन के भाजपा में शामिल होने पर संशय कायम
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के पति कुलदीप रंधावा ने सात दिसंबर को पानीपत में मुख्यमंत्री से मिलते हुए का फोटो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था। जिसमें मनीषा और कुलदीप रंधावा ने भाजपा का पटका पहना हुआ था और भाजपा में शामिल होने का दावा किया था। लेकिन 11 दिसंबर को प्रेस कान्फ्रेंस में भाजपा जिलाध्यक्ष तिजेंद्र ढुल ने मनीषा रंधावा के भाजपा में शामिल होने के दावे को नकार दिया था। चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो दिसंबर को डीसी से मिलने पहुंचे जिला पार्षदों के साथ एक भाजपा का नेता भी था। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष इस मामले में पार्टी की किसी भी तरह की भूमिका से इंकार कर रहे हैं।
मेरे पास है पूरा बहुमत : चेयरपर्सन
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि बैठक क्यों स्थगित हुई, इसको लेकर उन्हें कुछ नहीं कहना है। उसके पास पूरा बहुमत है। पार्षद उसके साथ हैं। सभी वार्डों में समान रूप से विकास करवाया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों के पास बहुमत है, तो उन्हें बैठक में आकर साबित करना चाहिए था।
डीसी के छुट्टी पर जाने से बची जींद जिला परिषद प्रधान की कुर्सी, अब दोबारा होगा अविश्वास प्रस्ताव की बैठक
जींद : जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को बुलाई बैठक स्थगित हो गई। अब ये बैठक दोबारा बुलाई जाएगी। बैठक स्थगित होने का कारण डीसी मोहम्मद इमरान रजा के अवकाश पर जाना बताया गया है। हालांकि बैठक स्थगित होने के पीछे का कारण विरोधी खेमे द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी बहुमत नहीं जुटा पाना माना जा रहा है।
विरोधी खेमे को चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाने के लिए 17 पार्षदों का बहुमत चाहिए था। चेयरपर्सन सहित जिला परिषद में कुल 25 पार्षद हैं। दो दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए 18 पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा को शपथ पत्र सौंपे थे। लेकिन उनमें से कुछ पार्षदों के वापस चेयरपर्सन के पाले में जाने की आशंका है। शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गई थी।
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा बैठक से पहले ही कार्यालय में पहुंच गई थी। लेकिन विरोधी खेमे से वाइस चेयरमैैन सतीश हथवाला सहित कोई जिला पार्षद नहीं पहुंचा। प्रशासन की तरफ से बैठक को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस कर्मी भी पहुंचे हुए थे। बैठक स्थगित होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस कर्मी वापस चले गए। वहीं कर्मचारी डीआरडीए हाल में बैठक के लिए लगाए माइक व अन्य सामान को समेट कर चले गए।
एडीसी एवं जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तरफ से बैठक स्थगित होने का पत्र शुक्रवार को ही जारी किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक स्थगित होना चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की पहली जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
कुर्सी की लड़ाई में बजट का वितरण भी अटका
विकास कार्यों के लिए पिछले माह प्रदेश सरकार ने जिला परिषद को करीब छह करोड़ रुपये का बजट जारी किया हुआ है। जिसके वितरण को लेकर चेयरपर्सन की तरफ से छह दिसंबर को बैठक बुलाई गई थी। लेकिन वाइस चेयरमैन गुट की तरफ से चेयरपर्सन के खिलाफ दो दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए डीसी को शपथ पत्र सौंप दिए गए। जिसके बाद चेयरपर्सन ने छह दिसंबर की बजट वितरण की बैठक को स्थगित कर दिया। जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक बजट वितरण की बैठक होना मुश्किल है।
चेयरपर्सन के भाजपा में शामिल होने पर संशय कायम
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के पति कुलदीप रंधावा ने सात दिसंबर को पानीपत में मुख्यमंत्री से मिलते हुए का फोटो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था। जिसमें मनीषा और कुलदीप रंधावा ने भाजपा का पटका पहना हुआ था और भाजपा में शामिल होने का दावा किया था। लेकिन 11 दिसंबर को प्रेस कान्फ्रेंस में भाजपा जिलाध्यक्ष तिजेंद्र ढुल ने मनीषा रंधावा के भाजपा में शामिल होने के दावे को नकार दिया था। चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो दिसंबर को डीसी से मिलने पहुंचे जिला पार्षदों के साथ एक भाजपा का नेता भी था। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष इस मामले में पार्टी की किसी भी तरह की भूमिका से इंकार कर रहे हैं।
मेरे पास है पूरा बहुमत : चेयरपर्सन
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि बैठक क्यों स्थगित हुई, इसको लेकर उन्हें कुछ नहीं कहना है। उसके पास पूरा बहुमत है। पार्षद उसके साथ हैं। सभी वार्डों में समान रूप से विकास करवाया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों के पास बहुमत है, तो उन्हें बैठक में आकर साबित करना चाहिए था।
ये खबर भी पढ़ें ;-
जींद जिले में 6 गांवों में लंबे समय से सरपंच का पद खाली, एक सरपंच ने ज्वाइन की सरकारी नौकरी