Hema committee report : केरल सरकार ने सोमवार को मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के कामकाजी हालात पर बनी हेमा कमेटी की रिपोर्ट जारी कर दी। यह रिपोर्ट 2019 में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन इसके संवेदनशील तथ्यों के चलते इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। रिपोर्ट को जारी करने का निर्णय तब लिया गया जब केरल हाई कोर्ट ने अभिनेत्री रंजीनी द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया।
Constitution of Hema Committee and purpose of report : कमेटी का गठन और रिपोर्ट का उद्देश्य
2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री (Malayalam film industry) में चर्चित अभिनेत्री उत्पीड़न मामले के बाद वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव Women in Cinema Collective (WCC) के अनुरोध पर केरल सरकार ने जस्टिस के. हेम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इसका उद्देश्य फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न, असमानता और अन्य चुनौतियों का अध्ययन करना था। इस समिति ने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हालाँकि, रिपोर्ट में मौजूद संवेदनशील जानकारी के कारण इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
Actress Ranjini’s protest and legal battle,अभिनेत्री रंजीनी का विरोध और कानूनी जंग :
अभिनेत्री रंजीनी, जिन्होंने समिति के सामने बयान दिया था, ने रिपोर्ट के जारी होने का विरोध करते हुए इसे अपने निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया। उनका कहना था कि उन्हें भरोसे में लेकर बयान लिया गया था और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया था। रंजीनी की मुख्य चिंता यह थी कि रिपोर्ट के जारी होने से उनके बयान सार्वजनिक हो सकते हैं, जिससे उनकी निजी जानकारी लीक होने का खतरा है।
High Court’s decision: Appeal rejected, instructions to file petition ,हाई कोर्ट का फैसला: अपील खारिज, याचिका दायर करने का निर्देश
Ranjini ने रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के खिलाफ एकल न्यायाधीश के आदेश के विरुद्ध डिवीजन बेंच में अपील की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला “इन पर्सनम” (personal) है, न कि “इन रेम” (सार्वजनिक)। अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि वे अपनी चिंता को लेकर नई रिट याचिका दायर करें। साथ ही, अदालत ने आश्वासन दिया कि याचिका दायर करने पर उसी दिन सुनवाई की जाएगी।
रिपोर्ट के संवेदनशील अंशों का खुलासा और सूचना आयोग का निर्देश :
केरल राज्य सूचना आयोग (SIC) ने जुलाई 2024 में रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को गोपनीयता बनाए रखते हुए सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। सूचना आयोग ने राज्य लोक सूचना अधिकारी (SPIO) को रिपोर्ट को यथासंभव पारदर्शी तरीके से साझा करने के लिए कहा था, लेकिन इसमें किसी की निजता को खतरे में नहीं डालने के लिए संवेदनशील अंशों को हटाने का निर्देश दिया था। इस फैसले को फिल्म निर्माता सजीमोन पारायिल(Filmmaker Sajimon Parayil) ने चुनौती दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
Hema committee ,गोपनीयता बनाम जानकारी का अधिकार
रंजीनी ने अपनी अपील में तर्क दिया था कि संविधान के आर्टिकल 19(1)(a) के अंतर्गत राइट टू इनफॉर्मेशन की तुलना में अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका दावा था कि सूचना के अधिकार के विपरीत निजता के अधिकार पर उचित प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि यदि उन्हें अपनी गोपनीयता की रक्षा करनी है तो वे तुरंत रिट याचिका दायर Writ petition filed कर सकते हैं।
Hema committee future results : आगे की प्रक्रिया और संभावित परिणाम
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रंजीनी और अन्य प्रभावित पक्ष अदालत में रिट याचिका दायर कर पाते हैं और अदालत इसका क्या निर्णय लेती है। हेम कमेटी की रिपोर्ट का प्रकाशन मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न और असमानता के मुद्दों को और भी उजागर कर सकता है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष आने वाले समय में फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।