KUK Ratnawali 2024: कुरुक्षेत्र में चार दिवसीय रत्नावली समारोह का भव्य आगाज! हरियाणा की संस्कृति के रंगों में रंगेगी विश्वविद्यालय की धरती,28 को होगा भव्य समापन

KUK Ratnawali 2024: कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KU) में आज से चार दिवसीय रत्नावली सांस्कृतिक समारोह की शुरुआत हो चुकी है। हरियाणवी कला और संस्कृति की 34 विविध विधाओं में 3000 से अधिक छात्र कलाकारों की भागीदारी से यह आयोजन न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संजोएगा, बल्कि दर्शकों के लिए हरियाणवी जीवनशैली का जीवंत अनुभव प्रदान करेगा।

रत्नावली समारोह का आयोजन 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें हरियाणा की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस महोत्सव का उद्घाटन NIT कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ. बीसी रमन्ना रेड्डी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक, डॉ. विवेक चावला ने समारोह की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि यह आयोजन हरियाणवी संस्कृति की विविधता और विशेषताओं को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।

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KUK Ratnawali 2024: 34 विधाओं में 3000 से अधिक छात्र कलाकार

हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत के सभी रंगों को एक जगह पर संजोने वाले इस उत्सव में 34 अलग-अलग हरियाणवी विधाओं में छात्र कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। नृत्य, संगीत, नाटक और शिल्प कला सहित इन विधाओं में सॉन्ग, रागनी, हरियाणवी डांस, चुटकुले, नाटक,और फैशन शो जैसी कई प्रस्तुतियां शामिल हैं।

रत्नावली समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से आए छात्र अपनी पारंपरिक वेशभूषा, खान-पान, हस्तशिल्प और लोक कला का प्रदर्शन करेंगे। दर्शकों को हरियाणवी परिवेश के दर्शन कराने के लिए यहां 50 से अधिक स्टॉल भी लगाए गए हैं, जहां विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए सामानों की प्रदर्शनी है।

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KUK Ratnawali 2024: रत्नावली कार्यक्रम का पूरा ब्यौरा

चार दिवसीय इस आयोजन में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन समय और स्थान के अनुसार किया गया है। इसके तहत 25 अक्टूबर को उद्घाटन दिवस पर लूर डांस और हरियाणवी पॉप सॉन्ग से लेकर भजन, डिक्लेमेशन और हरियाणवी पगड़ी बांधना जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

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दूसरे दिन 26 अक्टूबर को सोलो डांस (महिला), लोक वेशभूषा, हरियाणवी फैशन शो और फोक आर्केस्ट्रा जैसी प्रतियोगिताएं होंगी।

तीसरे दिन 27 अक्टूबर को रसिया डांस, हरियाणवी गजल, मोनो एक्टिंग और सांगीत संध्या की विभिन्न प्रस्तुतियों का आयोजन होगा।

अंतिम दिन 28 अक्टूबर को शॉर्ट फिल्म, सांग प्रतियोगिता और हरियाणवी वन एक्ट प्ले के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।

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रत्नावली में इस वर्ष खास आकर्षण में हरियाणवी फैशन शो, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, देसी खानपान, स्वदेशी कौशल प्रदर्शनी, रत्नावली सांग प्रदर्शन, हरियाणवी गायन शैली, लूर, खोडिया धमाल, फागण और रसिया नृत्य जैसे कार्यक्रम शामिल हैं, जिनके जरिए हरियाणा के ग्रामीण जीवन और लोक धरोहरों का बेहतरीन प्रदर्शन किया जा रहा है।

हरियाणवी लोक कलाओं की प्रदर्शनी

समारोह में लोक कलाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें बोहिया, इंधी, पिड़ा (पीडा) , बिंदरवाल, फुलझड़ी और सांझी जैसे पारंपरिक हरियाणवी वस्त्र और सजावटी सामान प्रस्तुत किए गए हैं। इनका प्रदर्शन न केवल हरियाणवी समाज की धरोहरों को जीवित रखने का माध्यम है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक धरोहरों से जोड़ने का प्रयास भी है। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई पेंटिंग, प्राचीन हरियाणवी वस्तुओं और लोक कला की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी।

इस प्रदर्शनी का उद्देश्य नई पीढ़ी को हरियाणवी कला और संस्कृति से जोड़ना है ताकि उन्हें हरियाणा की समृद्ध धरोहर की जानकारी हो।

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युवाओं को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास

डॉ. विवेक चावला ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को हरियाणा की संस्कृति से परिचित कराना है। उन्होंने कहा कि रत्नावली समारोह के जरिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर युवा पीढ़ी तक पहुंच सके और उन्हें अपनी संस्कृति से लगाव हो। रत्नावली समारोह में शामिल होने वाले दर्शकों ने भी इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह उत्सव हरियाणा की संस्कृति के विभिन्न रंगों को एक जगह पर देखने का अनोखा अवसर प्रदान करता है।

हरियाणवी जीवन का जीवंत प्रदर्शन

हरियाणवी संस्कृति की गहरी जड़ों को दर्शाते हुए रत्नावली महोत्सव में नृत्य, संगीत, नाटक, फैशन शो और अन्य प्रस्तुतियों के जरिए हरियाणा के गांवों की परंपराओं और जीवनशैली का जीवंत चित्रण किया गया है। हरियाणवी फोक आर्केस्ट्रा, हरियाणवी सोलो डांस, हरियाणवी गजल और हरियाणवी एकल अभिनय जैसे कार्यक्रम न केवल कलाकारों की प्रतिभा को दर्शकों तक पहुंचाने का माध्यम हैं, बल्कि इनसे हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर भी सजीव होती है।

समारोह में दर्शकों की भारी भीड़

हरियाणा के कोने-कोने से लोग इस समारोह में भाग लेने पहुंचे हैं। दर्शकों का कहना है कि रत्नावली में आकर हरियाणवी परिवेश का एक विशेष अनुभव होता है और यह उत्सव हरियाणवी जीवन की रंगीनियत और उसकी पारंपरिक धरोहरों का अनमोल अनुभव कराता है।

समापन समारोह का आयोजन

समारोह का समापन 28 अक्टूबर को होगा, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर रागनी प्रतियोगिता (प्रोफेशनल) और हरियाणवी क्विज प्रतियोगिता का अंतिम दौर भी आयोजित किया जाएगा। समापन समारोह में हरियाणवी गीत, ग्रुप डांस, सोलो डांस और अन्य प्रस्तुतियां होंगी, जो इस चार दिवसीय आयोजन के समापन को यादगार बनाएंगी।

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रत्नावली: हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का पर्व

इस तरह का राज्य स्तरीय आयोजन न केवल हरियाणवी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करता है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का एक बेहतरीन प्रयास है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह रत्नावली महोत्सव हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और समाज के विभिन्न वर्गों को इस संस्कृति से परिचित कराने का एक प्रभावी माध्यम है।

रत्नावली महोत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रमाण है और यह महोत्सव भविष्य में भी हरियाणा के ग्रामीण और शहरी जीवन के बीच एक सेतु का कार्य करता रहेगा।

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