Ladakh Space Mission: लेह, 2 नवंबर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लद्दाख के लेह में एक अनूठा एनालॉग अंतरिक्ष मिशन शुरू किया है। यह मिशन चांद और मंगल पर जीवन की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए तैयार किया गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी से परे स्थित किसी बेस स्टेशन की चुनौतियों का सामना करना और अंतरग्रहीय निवासस्थलों की संभावनाओं की खोज करना है।
Ladakh Space Mission: मिशन की विशेषताएँ:
इस मिशन का केंद्र बिंदु चांद और मंगल के समान स्थितियों का अनुकरण करना है। लद्दाख की कठिन जलवायु और भौगोलिक विशेषताओं को देखते हुए यह क्षेत्र वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आदर्श है। यहां के तापमान गर्मियों में 3 से 35 डिग्री सेल्सियस और सर्दियों में -20 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। भारी बर्फबारी और ठंडी जलवायु इसे रेगिस्तान और आर्कटिक क्षेत्रों के बीच एक अद्वितीय स्थान बनाती है।
NASA के अनुभव से लाभ:
Ladakh Space Mission: नासा ने पहले ही इस तरह के एनालॉग मिशनों का आयोजन किया है, जहां वैज्ञानिक और इंजीनियर चरम अंतरिक्ष वातावरण की चुनौतियों को समझने के लिए कठोर वातावरण में परीक्षण करते हैं। इस प्रकार के परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में भेजने से पहले संभावित चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाना और उसे समझना है। इससे समय, धन और जनशक्ति की बचत होती है, जो भविष्य में मंगल और चांद की खोज में सहायक होगा।

Life on Other Planets: भविष्य की खोजें:
यह मिशन न केवल चांद और मंगल पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने में सहायक होगा, बल्कि यह हमें क्षुद्रग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों की खोज के लिए भी तैयार करेगा। अंतरिक्ष में मानव जीवन की स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए यह मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
इसरो के इस प्रयास से भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान और भी अधिक उन्नत होगा, जो वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में जीवन के अन्वेषण के लिए नई दिशा देगा।