Lumpy virus : जींद जिले में गाय, भैंस समेत पशुओं में लंपी वायरस (Lumpy virus) से बचाव के लिए पशुपालन विभाग द्वारा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। जिले में एक लाख 15 हजार पशुओं को टीकाकरण किया जाएगा और इसे लेकर विभाग के पास वैक्सीन पहुंच चुकी है। 275 कर्मियों की टीम फील्ड में उतर वैक्सीन लगाने में जुटी है। पिछले दो सालों में जिले में लंपी वायरस के 700 से ज्यादा मामले आ चुके हैं तो तीन पशुओं की मौत भी हो चुकी है। पिछले साल लंबी के केस ज्यादा आने के कारण पशु मेला तक स्थगित करना पड़ा था।
Lumpy virus : पशुपालन विभाग द्वारा जिले में सभी पशुओं को टीकाकरण (Lumpy virus vaccine) का पांच अक्टूबर तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर पशुओं में लंपी के लक्षण चेक करेंगे और साथ ही वैक्सीन लगाएंगे। तीन दिन पहले ही शुरू हुए अभियान के तहत अब चार हजार पशुओं को वैक्सीन लग चुकी है। हालांकि लंपी वायरस ज्यादातर गोवंश को ही प्रभावित करता है लेकिन भैंस भी इसकी चपेट में आ जाती हैं। वर्ष 2022 में जिले में लंपी वायरस के 600 से ज्यादा मामले आए थे और तीन पशुओं की मौत हो गई थी। वहीं पिछले साल लंपी वायरस से किसी पशु की मौत नहीं हुई थी लेकिन मामले जरूर आए थे। इस साल भी अभी तक कोई संदिग्ध केस सामने नहीं आया है।
यह है लंपी वायरस (Lumpy virus vaccine) और इसके लक्षण
लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) गोवंश में चमड़ी का रोग है। जो लंपी स्किन डिजीज वायरस के कारण होता है। लंपी वायरस मक्खियों व मच्छरों की वजह से एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है। वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आता है। संक्रमित पशुओं के शरीर पर गोल-गोल गांठें बन जाती हैं। पशुओं के पैरों में सूजन आ जाती है और लंगड़ापन आ जाता हैं। संक्रमित पशुओं की भूख कम हो जाती है। वहीं दूध देने वाले पशुओं में दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। संक्रमित पशुओं के नाक व आंखों से पानी आने लगता है। संक्रमण के कारण पशुओं में बांझपन की समस्या तक हो सकती है।
Lumpy virus vaccine : जिले भर में हैं पांच लाख 50 हजार पशु
वर्ष 2017-18 की गणना के अनुसार जिलेभर में पशुओं की संख्या पांच लाख 50 हजार 352 है। जिसमें से गायों व बछड़ों की संख्या एक लाख 16 हजार 624 है। वहीं भैंस की संख्या तीन लाख 93 हजार 606 है। भेड़ की संख्या 22 हजार 805, बकरियाें की संख्या 11 हजार नौ है। लंपी वायरस ज्यादातर गोवंश तथा भैंस को नुकसान पहुंचाता है। अभी पशुपालन विभाग के पास एक लाख 15 हजार वैक्सीन है।
नजदीकी पशु चिकित्सालय में कराएं उपचार
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. रविद्र हुड्डा (Lumpy virus vaccine) के अनुसार लंपी वायरस होने पर पशु का अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से इलाज करवाएं। बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग करें और घावों के उपचार व मक्खियों को दूर करने के लिए एंटीसेप्टिक दवा लगाएं। जिले की सभी गोशालाओं में कीटाणुरोधी दवा का छिड़काव व फोगिंग करवाई जाए। अगर किसी कारणवश कोई गोवंश मर जाता है, तो उसको आठ से 10 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया जाना चाहिए।
वैक्सीन के बाद किया जा रहा निरीक्षण : डा. हुड्डा
पालतू व बेसहारा गोवंश को लंपी बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन दी जा रही है। इसके लिए पांच अक्टूबर तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के लिए कर्मचारियों की टीम फील्ड में लगी हुई है। इस साल अभी तक कोई लंपी का कोई मामला सामने नहीं आया है।
–डा. रविंद्र हुड्डा, उप निदेशक, पशुपालन विभाग जींद।