National New E-Commerce Policy 2025 Drafting: ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए जल्द होगी जारी नई ई-कॉमर्स नीति

National New E-Commerce Policy Drafting 2025 : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया कि भारत की बहुप्रतीक्षित ई-कॉमर्स नीति जल्द ही जारी हो सकती है। 2018 से इस नीति पर काम चल रहा है, लेकिन कई देरी के चलते इसे अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार को प्रोत्साहित करना है, जबकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

पीयूष गोयल ने इस नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म्स द्वारा उपयोग किए जा रहे एल्गोरिदम पारदर्शी होने चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि ये एल्गोरिदम उपभोक्ताओं की पसंद को अनुचित रूप से प्रभावित या नियंत्रित नहीं करने चाहिए। इसके साथ ही, मंत्री ने Online Rating and Review की प्रामाणिकता पर भी जोर दिया । उन्होंने कहा कि वास्तविक ग्राहक अनुभवों को ही प्रतिबिंबित करना चाहिए। उन्होंने फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों पर भी चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगानी जरूरी है ताकि Digital Marketplace में भरोसे को बनाए रखा जा सके।

New e-commerce policy to be issued soon to promote online business and protect consumer interests
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इसके अलावा, गोयल ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि प्रतियोगिता में निष्पक्षता बनी रहे और उपभोक्ताओं के साथ-साथ स्थानीय व्यवसायों ( local business) की भी रक्षा हो सके।

भारत सरकार 2018 से इस नीति पर काम कर रही है, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे लगातार टाला गया है। जुलाई में शीर्ष अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक में भी यह अनौपचारिक रूप से तय किया गया था कि फिलहाल यह नीति सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

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2019 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ( Ministry of Commerce and Industry ) ने इस संबंध में एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का मसौदा(National E-Commerce Policy Draft) पेश किया था। इस Draft को तैयार करने के लिए 2016 से ई-कॉमर्स कंपनियों और उद्योग के अन्य हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा की गई थी। नीति का उद्देश्य ई-कॉमर्स क्षेत्र के विकास( Development of e-commerce sector) के लिए एक सहायक नियामक वातावरण (supportive regulatory environment) तैयार करना, घरेलू उद्यमियों की सुरक्षा करना और मेक इन इंडिया ( Make in India ) जैसी पहल को बढ़ावा देना है।

 

सरकार की इस नई नीति से छोटे व्यवसायों और बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स के बीच संतुलन बनाए रखने की उम्मीद की जा रही है। हालाँकि, Top सरकारी अधिकारियों द्वारा अभी तक national new e-commerce policy drafting 2025 पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और मसौदा नीति (draft policy) के कब तक मंजूरी प्राप्त करेगी, इस पर कोई निश्चित समय सीमा भी तय नहीं की गई है।

उम्मीद की जा रही है कि जब national new e-commerce policy 2025 नीति लागू होगी, तो यह भारत के तेजी से बढ़ते क्षेत्र को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच विश्वास बढ़ेगा।

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