NHAI NEW RULE DPRS : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अपनी परियोजनाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार और नए हाईवे व एक्सप्रेसवे की निर्माण योजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का ठेका सबसे कम कीमत पर बोली लगाने वाली फर्मों को नहीं मिलेगा। इसके बजाय, अब उन कंसल्टेंसी फर्मों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पास उच्चतम तकनीकी योग्यता होगी। इसके लिए NHAI ने निविदा दस्तावेज़, यानी ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (RFP) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
NHAI NEW RULE DPRS : गुणवत्ता पर जोर, कम कीमत पर नहीं मिलेगा काम
अब तक DPR Consultancy के लिए Bidding प्रक्रिया में 80 अंकों की गुणवत्ता और 20 अंकों की लागत का फार्मूला अपनाया जाता था। लेकिन यह पाया गया कि कई बार तकनीकी स्कोर में पिछड़ने वाली फर्में बहुत ही कम कीमत पर बोली (NHAI NEW RULE)लगाकर ठेका हासिल कर लेती थीं। इस वजह से DPR की गुणवत्ता पर असर पड़ता था और परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती थीं।
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, “ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां बोली लगाने वाली फर्में प्रति किलोमीटर मात्र 70,000 रुपये का कोटेशन देती थीं। इतनी कम कीमत में अच्छी DPR तैयार करना संभव ही नहीं है। फील्ड सर्वेक्षण का खर्च ही इससे ज्यादा होता है।” इस तरह की स्थिति को सुधारने के लिए NHAI ने DPRS NEW RULE लागू किए हैं, जिसमें (NHAI NEW RULE)डीपीआर तैयार करने वाली फर्मों की गुणवत्ता और उनके द्वारा नियुक्त कर्मचारियों की योग्यता पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
NHAI DPRS NEW RULE : नकली दस्तावेज़ पर दो साल का प्रतिबंध
नए नियमों के तहत यह भी प्रावधान है कि अगर कोई फर्म गलत या नकली जानकारी देकर परियोजना हासिल करती है, तो उस फर्म पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। (NHAI NEW RULE)खासतौर पर यदि किसी फर्म द्वारा परियोजना प्राप्त करने के लिए फर्जी सीवी जमा की जाती है, तो उसे भविष्य में काम नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, NHAI ने फर्मों की बोली क्षमता को उनके वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट्स की संख्या से भी जोड़ा है, ताकि कोई फर्म एक साथ कई परियोजनाएं न ले सके और सभी पर ध्यान दे सके।
NHAI DPRS NEW RULE : परियोजनाओं की QUALITY में सुधार के लिए बड़े बदलाव
NHAI द्वारा किए गए ये बदलाव परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से किए गए हैं। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। एक वरिष्ठ कंसल्टेंसी अधिकारी ने अनुसार जांच और ट्रैफिक स्टडी जैसी प्रक्रियाओं को DPR तैयारी से अलग किया जाना चाहिए। अधिकतर डीपीआर कंसल्टेंट्स इन कामों को बाहरी ferms से करवाते हैं ताकि बेहतर डेटा प्राप्त हो सके। ऐसे में NHAI को इन कार्यों के लिए स्वीकृत वेंडर्स की एक सूची तैयार करनी चाहिए, ताकि डीपीआर तैयार करने वाले फर्म्स क्वालिटी में समझौता न करें।
NHAI DPRS NEW RULE : ब्यूरोक्रेटिक रवैए से नहीं होगा काम
कई कंसल्टेंसी फर्मों पर आरोप है कि वे केवल कागजी काम करके NHAI को खुश करने का प्रयास करती हैं और वास्तविक इंजीनियरिंग कार्य (NHAI NEW RULE)नहीं करतीं। ऐसे में यह बदलाव इस प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बनाने का प्रयास है, जहां क्वालिटी को प्राथमिकता दी जाएगी और फर्मों को कम समय में परियोजनाएं निपटाने के बजाय अच्छी तरह से तैयार परियोजना रिपोर्ट्स पर ध्यान देना होगा।
NHAI की यह पहल न केवल परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार लाएगी, बल्कि इससे परियोजनाओं के समय पर पूरा होने की संभावना भी बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना की शुरुआत से ही क्वालिटी पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि आगे चलकर समय और लागत दोनों की बचत हो सके।
NHAI DPRS NEW RULE : नए नियमों से बेहतर परिणामों की उम्मीद
NHAI द्वारा DPR तैयार करने के लिए किए गए इन बदलावों से कंसल्टेंसी फर्मों के बीच गुणवत्ता आधारित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और निम्न गुणवत्ता की परियोजनाओं से छुटकारा मिलेगा। इन सुधारों के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की योजना और Performance और भी बेहतर होगा, जिससे भारत की बुनियादी ढांचे की स्थिति में बड़े स्तर पर सुधार हो सकेगा।
यह कदम प्रदर्शित करता है कि NHAI गुणवत्ता में सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है, और यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय कर रही है कि परियोजनाओं की योजना (NHAI NEW RULE)बेहतर हो और उनको समय पर अमल में लाया जा सके ।