Partition Horrors Day remembrance : 15 अगस्त 1947 को भारत ने आजादी की खुशियां मनाई, लेकिन इसी दिन देश को विभाजन की अमानवीय त्रासदी का सामना भी करना पड़ा।
विभाजन के दौरान हुई हिंसा और संघर्ष ने लाखों परिवारों को उजाड़ दिया, जिन्होंने अपना घर, आजीविका और प्रियजनों को खो दिया।
इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर देश के उन सभी नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने विभाजन की इस भयावह त्रासदी को झेला।
Partation Day 2024 : विभाजन के मुख्य आंकड़े:
| घटना | आंकड़े |
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| विस्थापित लोग | 1 करोड़ से अधिक |
| मरने वालों की संख्या | 10 लाख से अधिक |
| महिलाओं पर अत्याचार | 75,000 से अधिक |
| छूटे हुए घर | लाखों की संख्या में |
विभाजन का दर्द आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में ताजा है। लाखों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए, और कईयों ने अपनी जान गंवाई। यह त्रासदी केवल भौगोलिक विभाजन तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसने समाज और परिवारों को भी गहराई से प्रभावित किया।
Partition Ind Pak : विभाजन के प्रभाव और यादें
विभाजन के बाद, दोनों देशों के बीच तनाव और संघर्ष ने दशकों तक गहरे घाव छोड़े। हजारों लोग एक अजनबी जगह पर नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए मजबूर हुए। आज का दिन हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी कठिनाइयों का सामना किया था।
PartitionHorrorsRemembranceDay के इस मौके पर, हम सभी से आग्रह करते हैं कि हम उस अमानवीय घटना को याद करें और उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करें, जिन्होंने इस विभाजन की विभीषिका को झेला। देश की एकता और अखंडता के महत्व को समझते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसा कोई दर्दनाक घटना दोबारा न हो।