Police Logo : कमिश्नरेट ने निजी वाहनों पर पुलिस शब्द लिखने और लोगो लगाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश के तहत, पुलिस अधिकारियों को अपने निजी वाहनों से तुरंत इस प्रकार के लोगो और लाल-नीली पट्टी हटाने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दुरुपयोग रोकने के लिए लिया गया कदम
यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई पुलिसकर्मी अपने निजी वाहनों पर Police या Police Logo लिखवाते हैं, जिसका इस्तेमाल उनके परिवार के अन्य सदस्य भी करते हैं। कई बार यह देखा गया है कि अपराधी तत्व पुलिस का लोगो लगाकर इसका दुरुपयोग करते हैं। इन वाहनों का उपयोग यातायात नियमों से बचने, चेकिंग से छूट पाने और अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार, पुलिसकर्मियों द्वारा इस नियम का उल्लंघन करना न केवल अनुचित है बल्कि आम जनता और सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
Police Logo लगाने पर आरटीआई में खुलासा
RTI कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई सूचना में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि निजी वाहनों पर Police Logo लगाना गैरकानूनी है। हरियाणा ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी निजी वाहनों पर ना तो पुलिस लिखवा सकता और ना ही पुलिस का लोगो या स्टीकर लगा सकता।
आरटीआई के जवाब में बताया गया कि पुलिसकर्मी अपने निजी वाहनों पर ऐसा करने के अधिकारी नहीं हैं। अगर किसी कर्मचारी के वाहन पर पुलिस शब्द लिखा हुआ पाया गया, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई
निजी वाहनों पर पुलिस लिखने या Police Logo लगाने से संबंधित मामलों में सख्ती बढ़ाने का आदेश देशभर में लागू किया जा रहा है। 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस प्रकार के स्टिकर और लोगो पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद, पुलिस ने कई वाहनों की जांच की और नियम का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसा।
यह भी देखा गया है कि अपराधी, इन स्टिकर्स का इस्तेमाल कर पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए इनका दुरुपयोग करते हैं। यह चेक पोस्ट पर तस्करी या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करके अपराधियों को भागने में सहायता कर सकता है।
कर्मचारियों और जनता के लिए सख्त संदेश
जयपुर पुलिस ने भी अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपने निजी वाहनों पर पुलिस का लोगो लगाएगा, उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, नियम का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जुर्माना लगाने या वाहन सीज करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
दुरुपयोग के गंभीर परिणाम
निजी वाहनों पर पुलिस का लोगो या लाल-नीली पट्टी लगाने से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे:
अपराधियों द्वारा दुरुपयोग: अपराधी अपने वाहनों पर पुलिस का लोगो लगाकर कानून से बच निकलने की कोशिश करते हैं।
यातायात नियमों का उल्लंघन: चेकिंग और चालान से बचने के लिए पुलिस लोगो का गलत इस्तेमाल होता है।
सार्वजनिक स्थलों पर अनुचित लाभ: पुलिस लोगो वाले वाहन कई बार गलत तरीके से पार्किंग स्थलों और अन्य सुविधाओं का लाभ उठाते हैं।
यह आदेश देशभर में एक मिसाल पेश करता है कि कानून का पालन हर किसी के लिए जरूरी है। यह कदम न केवल कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि अपराध पर लगाम लगाने में भी मदद करेगा।