Shamlati Land: हरियाणा सरकार ने ग्रामीणों और किसानों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। जो लोग 20 साल से अधिक समय से शामलात जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं, उन्हें अब इस जमीन पर मालिकाना हक दिया जाएगा। सोमवार को हरियाणा विधानसभा में हरियाणा ग्राम शामलात भूमि विनियमन संशोधन विधेयक-2024 पारित कर दिया गया।
क्या है शामलात जमीन और मालिकाना हक का प्रावधान?
शामलात जमीन वह होती है, जो ग्राम पंचायत या ग्राम समुदाय के उपयोग के लिए आरक्षित होती है और जिसका कोई निजी स्वामित्व नहीं होता।
मकानों पर मालिकाना हक: 20 साल से शामलात जमीन पर बने मकानों को वैध घोषित किया जाएगा, लेकिन यह प्रावधान केवल 500 वर्ग गज तक की जमीन पर लागू होगा।
खेती पर मालिकाना हक: जो किसान 20 साल से शामलात जमीन को पट्टे पर लेकर खेती कर रहे हैं, उनके नाम पर भी यह जमीन ट्रांसफर की जाएगी।
कीमत का भुगतान: मालिकाना हक के लिए ग्रामीणों और किसानों को बाजार मूल्य के आधार पर जमीन की कीमत ग्राम पंचायत को चुकानी होगी।
विधेयक के प्रभाव और लाभ
विधेयक के पारित होने से हजारों ग्रामीणों को लाभ होगा, जो वर्षों से इन जमीनों पर रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं। अब वे अपने मकानों और खेतों के कानूनी मालिक बन सकेंगे। विवादित जमीनों को कानूनी मान्यता मिल सकेगी। ग्रामीणों को अपने मकानों और जमीन के स्वामित्व अधिकार मिलने से उनका सामाजिक और आर्थिक दर्जा बेहतर होगा।
कैसे बना कानून?
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में 5 मार्च 2024 को कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया था। हालांकि, आचार संहिता लागू होने के कारण इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। इसके बाद, 12 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें 31 मार्च 2004 से पहले बने 500 वर्ग गज तक के मकानों को वैध करने और 20 साल के पट्टे पर दी गई जमीन को मालिकाना हक देने का फैसला लिया गया।

सरकार की मंशा और भविष्य की योजना
सरकार का यह कदम ग्रामीणों और किसानों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को दूर करने का प्रयास है। विधेयक पारित होने के बाद अब संबंधित ग्रामीण पंचायतों द्वारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ग्रामीणों को मालिकाना हक मिलने के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा।
यह कानून न केवल विवादों को खत्म करेगा, बल्कि किसानों और ग्रामीणों को सशक्त भी बनाएगा।