Subh Muhurat 2025: जींद : सोमवार को लोहड़ी पर्व है और उसके बाद 14 जनवर को मकर संक्रांति पर्व है। साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। 15 दिसंबर से खरमास की शुरूआत हुई थी। इसके चलते मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। अब 15 जनवरी से एक बार फिर विवाह समारोह के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत होने जा रही है।
ऐसे में जिन घरों में विवाह समारोह होने हैं, उन्हें भी खरमास के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार है। जनवरी के महीने में 16, 19, 20, 24, 26, 30 जनवरी विवाह के लिए शुभ मुहुर्त (vivah subh muhurat 2025) हैं।

वर्ष 2025 में आठ माह में 75 दिन शुभ मुहुर्त मिलेंगे
वर्ष 2025 में आठ माह में 75 दिन शुभ मुहुर्त ( 75 Days shubh muhurt in 2025 ) मिलेंगे। छह जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होगा। इस कारण जुलाई से अक्टूबर तक विवाह मुहूर्त नही रहेंगे। मुहूर्त एक नवंबर को देवउठनी एकादशी (devuthani ekadashi) पर रहेगा। परंतु इसके बाद विवाह मुहूर्त सीधे 21 नवंबर से शुरू होंगे। फरवरी माह में सर्वाधिक 17 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। वहीं मार्च माह में सात दिन, अप्रैल माह में सात दिन, मई माह में 14 दिन, जून माह में 9 दिन शुभ मुहूर्त हैं।
उसके बाद चार जुलाई को भड़ली नवमी पर गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त रहने की वजह से विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। उसके बाद नवंबर माह में फिर शादी के मुहूर्त शुरू होंगे। खरीद-फरोख्त (Business shubh muhurt 2025) के लिए 20 और 21 नवंबर को पुष्य नक्षत्र योग का शुभ संयोग रहेगा। उसके बाद नवंबर में कुल सात दिन, दिसंबर में चार दिन शादियों का मुहूर्त रहेगा।
एक माह बाद 14 जनवरी को खत्म होगा खरमास : नवीन शास्त्री
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि खरमास वर्ष में दो बार आता है। पहला जब सूर्य धनु राशि में होता है और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में आता है। इस दौरान सूर्य का पूरा प्रभाव यानी तेज पृथ्वी के उत्तरी गोला पर नहीं पड़ता है। सूर्य की इस कमजोर स्थिति के कारण ही पृथ्वी पर इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। वर्ष 2024 में शहनाई का आखिरी मुहूर्त 14 दिसंबर था।
उसके बाद खरमास (kharmas) शुरू हो गया। जो एक माह तक चला। इस बीच कोई भी शुभ काम नहीं हुआ। इसके बाद विवाह मुहूर्त मकर संक्राति के अगले दिन 15 जनवरी से शुरू होंगे। इसके अलावा मांगलिक कार्य भी किए जा सकेंगे। इसके साथ ही घर में किसी का मुंडन या उपनयन कराना है तो उपनयन के लिए 15 और 16 जनवरी शुभ तिथि है। वहीं मुंडन के लिए 15 और 31 जनवरी को अच्छा मुहूर्त है।