The Healing Diet : नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी का कैंसर कैसे ठीक किया ? देखिए फुल डाइट और टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों का खुलासा!

Anita Khatkar
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The Healing Diet : पंजाब कांग्रेस के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में एक दावा किया कि उन्होंने अपनी पत्नी, डॉ. नवजोत कौर सिद्धू (नोनी) का कैंसर आयुर्वेदिक इलाज के साथ ठीक किया। सिद्धू ने अपनी पत्नी का इलाज करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का सहारा लिया और इसके तहत भोजन में कुछ विशेष परिवर्तन किए। सिद्धू ने दावा किया कि कैंसर सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों और अन्य खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से बंद करके उन्होंने अपनी पत्नी को कैंसर मुक्त कर दिया।

सिद्धू के दावे पर टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों के सवाल

डाइट से कैंसर ठीक करने का यह दावा सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और इसके बाद टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के 262 कैंसर विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि सिद्धू के द्वारा बताए गए इलाज के तरीकों पर कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं और इसे अपनाने से कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। डॉक्टर्स ने सुझाव दिया कि कैंसर के मरीजों को अस्पताल में समय पर जांच करानी चाहिए और डॉक्टरी इलाज के बिना किसी वैकल्पिक इलाज पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

देखिए नोनी का डाइट प्लान

नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी के कैंसर के इलाज में भोजन और जीवनशैली में बदलाव किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने मीठी चीजों को पूरी तरह से अपनी पत्नी की डाइट से हटा दिया था। सिद्धू ने यह भी कहा कि कैंसर एक इंफ्लामेशन (सूजन) है, जो विशेष रूप से डेयरी प्रोडक्ट्स, शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे जलेबी, मैदा) से पैदा होता है, इसलिए इन सभी चीजों को बंद कर दिया गया था।

इसके अलावा, सिद्धू ने अपनी पत्नी को आयुर्वेदिक तरीके से कई अन्य खाद्य पदार्थ भी दिए, जो कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने अपने भोजन परिवर्तन को लेकर डाइट प्लान को इस प्रकार वर्णित किया:

1. नींबू पानी:

सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी को सुबह 10 बजे नींबू पानी दिया जाता था। यह पानी गर्म पानी, कच्ची हल्दी, लहसुन और सेब के सिरके से बनाया जाता था। दावे के अनुसार यह मिश्रण शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है और सूजन को कम करता है, जिससे कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोका जा सकता है।

2. नीम और तुलसी के पत्ते:

आयुर्वेद में नीम और तुलसी को कई रोगों के इलाज में महत्वपूर्ण माना जाता है। सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी को नींबू पानी के आधे घंटे बाद नीम और तुलसी के पत्ते दिए जाते थे। दावे के अनुसार यह दोनों पत्तियां शरीर के इन्फ्लामेशन को कम करने में मदद करती हैं और कैंसर के इलाज में सहायक हो सकती हैं।

3. चाय का त्याग और दाल चीनी का सेवन:

सिद्धू ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी ने चाय का सेवन पूरी तरह से छोड़ दिया था, क्योंकि चाय में कैफीन होता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके स्थान पर उन्होंने दाल चीनी, लौंग, और छोटी इलायची का एक मिश्रण तैयार किया, जिसमें एक नाम मात्र गुड़ मिला था। दावे के अनुसार यह मिश्रण शरीर को गर्मी प्रदान करता है और पाचन को बेहतर बनाता है, जिससे कैंसर सेल्स की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।

4. एल्कलाइन पानी:

सिद्धू ने बताया कि पानी की गुणवत्ता भी कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने सलाह दी कि पानी का पीएच लेवल 7 होना चाहिए और इसे साफ पानी के रूप में ही पीना चाहिए।

5. पानी में खीरा और नींबू:

उनके अनुसार, गंदे पानी का सेवन कैंसर को बढ़ावा दे सकता है। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को खीरे और नींबू के साथ पानी पीने की सलाह दी थी। इस मिश्रण से पानी को प्राकृतिक रूप से शुद्ध किया जा सकता है और यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

6. वर्जिश (व्यायाम):

सिद्धू ने यह भी बताया कि कैंसर से लड़ने के लिए वर्जिश या शारीरिक गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनका मानना था कि अगर शरीर में एसिडिटी बढ़ जाती है, तो कैंसर सेल्स के पनपने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को हल्की-फुल्की व्यायाम करने की सलाह दी ताकि शरीर में एसिड का स्तर कम किया जा सके और कैंसर की वृद्धि पर काबू पाया जा सके।

7. चिप्स और अस्वस्थ आहार से बचाव:

सिद्धू ने एक किस्सा भी साझा किया, जिसमें उनकी पत्नी ने चुपके से चिप्स का पैकेट लिया था। जब उन्होंने इसके कैलोरी को चेक किया, तो पाया कि उसमें 800 कैलोरी थी। सिद्धू ने तुरंत यह चिप्स निकालकर उनकी पत्नी को अस्वस्थ आहार से बचने के लिए कहा। उनका मानना था कि इस प्रकार के अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ कैंसर के इलाज में बाधा डाल सकते हैं।

8. डाइट में बदलाव के सामान्य खाद्य पदार्थ:

सिद्धू ने यह भी बताया कि डाइट में बदलाव करके कैंसर से जूझने वाले मरीजों को ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता। उदाहरण के लिए, नीम के पत्तों और हल्दी का सेवन करने के लिए किसी भी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह आहार हर कोई अपना सकता है, चाहे वह अमीर हो या गरीब। यह आसान और सस्ता इलाज है, जो शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है।

डॉक्टरों के दावे और सिद्धू के विवाद

इस दावे के बाद, भारत के प्रमुख कैंसर अस्पतालों के डॉक्टरों ने नवजोत सिद्धू के इस इलाज के तरीके को खारिज किया। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के 262 कैंसर विशेषज्ञों ने एक खुला पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि इस प्रकार के दावों का कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी और कीमोथैरेपी ही विश्वसनीय उपाय हैं।

डॉक्टरों ने यह स्पष्ट किया कि सिद्धू द्वारा बताए गए आहार और प्राकृतिक उपचारों पर कुछ शोध जरूर चल रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि ये उपाय कैंसर को ठीक करने में प्रभावी हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस प्रकार के वैकल्पिक इलाज के बजाय कैंसर के इलाज के लिए समय पर अस्पताल में जांच कराएं और मेडिकल इलाज करवाएं।

The Healing Diet : नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी का कैंसर कैसे ठीक किया ? देखिए फुल डाइट और टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों का खुलासा!
The Healing Diet : नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी का कैंसर कैसे ठीक किया ? देखिए फुल डाइट और टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों का खुलासा!

नवजोत सिद्धू के दावे ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और कैंसर के इलाज के बारे में चर्चा को जन्म दिया है। हालांकि सिद्धू का यह मानना था कि आयुर्वेद और आहार में बदलाव से कैंसर से बचा जा सकता है, परंतु कैंसर विशेषज्ञों ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे बिना वैज्ञानिक आधार के बताया है। इसलिए कैंसर जैसे गंभीर रोग के इलाज के लिए समय पर विशेषज्ञों से सलाह लेना और चिकित्सा उपचार करवाना अत्यंत आवश्यक है।

Disclaimer : हम यहां किसी भी प्रकार से कैंसर के इलाज का दावा नहीं करते। यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल दावों के आधार पर है । इसलिए कोई भी सलाह या डाइट में बदलाव से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से जरूरी परामर्श करें।

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