Toll plaza: पंजाब के लाडोवाल टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारियों ने 27 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए टोल को फ्री करने का फैसला किया है। टोल प्लाजा वर्कर्स यूनियन पंजाब के पदाधिकारियों ने यह निर्णय प्रबंधन द्वारा उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किए जाने के कारण लिया है।
Toll plaza: टोल कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
लाडोवाल टोल प्लाजा पर यह फैसला एक विशेष बैठक के बाद लिया गया, जिसकी अध्यक्षता पंजाब प्रधान दर्शन सिंह लाडी ने की। बैठक में कर्मचारियों ने बताया कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। Toll plaza कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें न तो सरकारी छुट्टियां दी जा रही हैं और न ही उनके पीएफ (Provident Fund) में कोई कटौती की जा रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें न तो ईएसआई (Employee State Insurance) और न ही किसी वेलफेयर स्कीम का लाभ दिया है। इस अनदेखी के चलते, टोल प्लाजा वर्कर्स यूनियन ने 27 सितंबर से टोल प्लाजा को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान किया है। इस दौरान किसी भी वाहन चालक से टोल वसूली नहीं की जाएगी।
Toll plaza: कर्मचारियों की नाराजगी, प्रबंधन की उदासीनता
टोल कर्मचारियों का कहना है कि कई महीनों से उनकी मांगों को लेकर कंपनी के अधिकारियों से लगातार बैठकें की जा रही थीं, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। कर्मचारियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनकी स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे उन्हें यह कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
Toll plaza: 27 सितंबर से टोल प्लाजा फ्री
यूनियन के अध्यक्ष दर्शन सिंह लाडी ने स्पष्ट किया कि प्रबंधन की उदासीनता के कारण 27 सितंबर से Toll plaza को पूरी तरह फ्री कर दिया जाएगा। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक कि उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की जातीं। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और इस दौरान किसी भी वाहन चालक से टोल नहीं वसूला जाएगा।
Toll plaza: क्या होगा असर?
लाडोवाल टोल प्लाजा पंजाब के सबसे महंगे टोल प्लाजा में से एक है। ऐसे में Toll plaza के फ्री होने से बड़ी संख्या में वाहन चालकों को फायदा होगा। हालांकि, कर्मचारियों की हड़ताल के कारण टोल प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।