UP Government Employed Salary : उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति का विवरण दर्ज करने के आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर संपत्ति का विवरण नहीं देने पर 13.5 लाख से अधिक कर्मचारियों का वेतन रोका जा सकता है। राज्य के लगभग 18 लाख सरकारी कर्मचारियों में से अब तक केवल एक चौथाई कर्मचारियों ने ही अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण सरकार के पोर्टल मानव संपदा पर जमा किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को अगस्त का वेतन मिलेगा, जिन्होंने इस समय सीमा का पालन किया है। यह कदम सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है ।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख, विरोध भी जारी :
सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रिया आ रही है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशुतोष वर्मा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा की यह आदेश 2017 में ही क्यों नहीं लागू किया गया? योगी आदित्यनाथ सरकार को अब महसूस हो रहा है कि उनके कर्मचारी भ्रष्ट हैं। यह कदम केवल एक बचाव की रणनीति है, क्योंकि वे इसे पहले लागू नहीं कर पाए।”
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव :
सरकार के इस आदेश से लाखों सरकारी कर्मचारी असमंजस में हैं। एक बड़े वर्ग को डर है कि तकनीकी कारणों या जानकारी समय पर जमा नहीं करने के कारण उनकी सैलरी रुक सकती है। वहीं, कुछ कर्मचारी इसे सरकारी तंत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह कदम सफल होता है तो सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। लेकिन, इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करना सरकार के लिए एक चुनौती भी हो सकता है।