Uchana Civil Hospital : नागरिक अस्पताल में कुत्ते, बंदर से काटे जाने पर मरीज आ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन नहीं होने से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे है। मरीजों ने कहा कि सरकारी अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन हो तो वो पीले, गुलाबी कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त लगाए जाते है तो अन्य मरीज के लिए 100 रुपये का शुल्क तय किया गया है। बाहर से ये इंजेक्शन लगवाने पर ज्यादा रुपये मरीज को देने पड़ते है। कई दिनों से नागरिक अस्पताल में रैबिज के इंजेक्शन नहीं है।
हर रोज आ रहे है छह से सात मरीज
नागरिक अस्पताल में हर रोज छह से सात मरीज आ रहे है। बंदर, कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। प्राइवेट अस्पताल में अगर ये इंजेक्शन लगवाए तो 300 से 400 रुपये तक मरीज को देने पड़ते है। काफी दिनों से मरीज नागरिक अस्पताल में खत्म हो चुके इन इंजेक्शन के उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे है ताकि बंदर, कुत्ते के काटे जाने के बाद इंजेक्शन लगवा सकें।
निजी अस्पताल में लगवाना पड़ा इंजेक्शन
गांव बुडायन निवासी जोगी ने बताया कि उसके बेटे को कुत्ते ने काट लिया तो वो नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आया लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन नहीं मिलने पर प्राइवेट अस्पताल में जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ा। काफी दिनों से ये इंजेक्शन अस्पताल में खत्म हो चुके है। राजेंद्र, बलवान, मनोज ने कहा कि पहले भी रैबिज के इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध होने लगे लेकिन अब कुछ दिनों से ये इंजेक्शन खत्म है। ऐसे में बंदर, कुत्ते के काटे जाने वाले मरीज को प्राइवेट अस्पताल में ये इंजेक्शन लगवाना पड़ता है।
उच्चाधिकारियों को कराया है अवगत
नागरिक अस्पताल एसएमओ डा. सुशील गर्ग ने बताया कि कुछ दिनों से एंटी रेबीज के इंजेक्शन खत्म है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया है। हर रोज 6 से 7 मरीज ऐसे आ रहे है जिन्हें बंदर, कुत्तों ने काटा होता है।