Cryopreservation : लंबी जिंदगी की चाह हर किसी को है। इसी लंबी जिंदगी की चाह में दुनिया भर में कई प्रकार की वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। लोग बढ़ती उम्र के साथ जवान दिखने के लिए सर्जरी, सेल थैरेपी आदि का सहारा ले रहे हैं। प्रगतिशील विज्ञान के इस बढ़ते कदम से ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि, निकट भविष्य में मनुष्यों को दोबारा ज़िंदा करने की तकनीक भी खोज ली जाएगी।
अब ऐसी तकनीक खोजी जाएगी या नहीं ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है लेकिन भविष्य में मृत मनुष्यों को दोबारा ज़िंदा करने की तकनीक आने उम्मीद में दुनियभर के अमीरों ने क्रायोप्रिजर्वेशन नामक एडवांस तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है।
इतना पढ़ने के बाद मन में कई सवाल उठते हैं जैसे:–
- Cryopreservation तकनीक क्या है ? क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक में बॉडी फ्रिज करवाने का कितना खर्च आता है ?
- आइए जानते हैं विज्ञान की इस एडवांस Cryopreservation तकनीक के बारे में सारी जानकारियां।
- क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक क्या है और इसमें विट्रिफिकेशन प्रक्रिया किस प्रकार से की जाती है ?
क्रायोप्रिजर्वेशन टेक्नोलॉजी विज्ञान की ऐसी एडवांस तकनीक है, जिसमें मृत बॉडी को सड़ने – गलने से बचाने के लिए बॉडी को एक ऐसी स्थिति में लाया जाता है। जिसमें बॉडी की सारी जैविक क्रियाएं बंद हो जाती हैं। बॉडी में खून जमने से रोकने और बर्फ के कारण बॉडी की कोशिका और ऊतकों को डैमेज से बचाने के लिए बॉडी में खून की जगह एक स्पेशल लिक्विड सॉल्यूशन डाला जाता है।
बॉडी में बर्फ के क्रिस्टल बनने से रोकने और बॉडी के पार्ट्स को सेफ रखने के लिए खून की जगह स्पेशल लिक्विड सॉल्यूशन डाला जाता है । इस प्रक्रिया को विट्रिफिकेशन कहा जाता है। क्रायोप्रिजर्वेशन टेक्नोलॉजी के प्रारंभिक चरण में बॉडी विट्रिफिकेशन मैथड की अहम भूमिका है। ये तो हमने जाना कि क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक में बॉडी को गलने से रोकने के लिए विट्रीफिकेशन प्रक्रिया प्रथम चरण है।
आइए अब जानते हैं विट्रिफिकेशन के बाद बॉडी के साथ क्या किया जाता है ?
विट्रिफिकेश प्रक्रिया के बाद बॉडी का तापमान मेंटेन किया जाता है। बॉडी का तापमान धीरे – धीरे करके माइनस 196 डिग्री सेल्सियस ( ➖ 196°C) तक लाया जाता है। जैसे ही बॉडी ➖ 196 °C पर आ जाती है तो बॉडी को वैक्यूम इंसुलेटेड कंटेनर में स्टोर किया जाता है जो कंटेनर लिक्विड नाइट्रोजन से भरा होता है। यानी सबसे पहले बॉडी की जैविक प्रक्रिया बंद करने के लिए बॉडी में लिक्विड भरा जाता है और फिर बॉडी को नाइट्रोजन कंटेनर में स्टोर किया जाता है इसी पूरी प्रक्रिया को क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक कहा जाता है। इसमें बॉडी को सालों तक सेफ रखा जाता है।
लोग क्यों करवाते हैं अपनी बॉडी फ्रिज
ये तो बिलकुल साफ है कि लोग दोबारा ज़िंदा होने की चाह में बॉडी को फ्रिज करवा रहे हैं । सामान्यत ये दिखने में मिला है कि, अधिक अमीर लोग ही अपनी बॉडी को क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक से स्टोर करवा रहे हैं। ताकि भविष्य में मृत मनुष्यों को दोबारा ज़िंदा तकनीक आने पर वो फिर से जिंदा हो सकें। क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक में मृत शरीर को कई 100 सालों तक स्टोर किया जा सकता है । अब ये देखने वाली बात होगी की मनुष्यों को दोबारा ज़िंदा करने की तकनीक कब तक धरती पर आ पाती है और तब तक क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक से बॉडी स्टोर रह सकती है या नहीं ? लेकिन फिर भी अमीर अरबपति इस तकनीक अपनी बॉडी फ्रिज करवा रहे हैं।
Cryopreservation: क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक में बॉडी स्टोर करवाने का ये आता है खर्च
Cryopreservation टेक्नोलॉजी में बॉडी फ्रिज करवाने और उसे लंबे समय तक स्टोर करवाने के लिए बहुत सारा धन लगता है। ऐसे में हर व्यक्ति तो अपनी बॉडी स्टोर नहीं करवा सकता इसीलिए अब तक केवल अरबपति लोग ही इस तकनीक को अपना रहे हैं। Cryopreservation तकनीक से पूरी बॉडी स्टोर करवाने के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। लोग चाहें तो अपनी बॉडी के अलग-अलग पार्ट भी स्टोर करवा सकते हैं । जैसे अगर कोई केवल अपना दिमाग (Brain) स्टोर करवाना चाहे तो उसके लिए लगभग 80 लाख रुपए खर्च होंगे। अब तक 500 लोग Cryopreservation तकनीक से अपनी बॉडी को स्टोर भी करवा चुके हैं।
Cryopreservation तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए रिवाइवल ट्रस्ट का सहारा ले रहे अमीर
अमेरिका जैसे देशों में रिवाइवल ट्रस्ट बनाई जा चुकी हैं जो बुजुर्ग अमीरों की बॉडी स्टोर रखने के साथ – साथ उनके पैसे भी स्टोर करती हैं। समय के साथ ये ट्रस्ट अमीरों सामान्यत अरबपतियों का पैसा मैनेज करती रहेंगी और भविष्य में जैसे ही मनुष्यों को दोबारा जिंदा करने तकनीक आएगी वैसे ही रिवाइवल ट्रस्ट उनकी बॉडी को फिर से जिंदा करवा लेंगी। इतना ही नहीं दोबारा ज़िंदा होने के बाद उस व्यक्ति को पैसे भी दिए जाएंगे ताकि वो आगे अपना जीवन यापन कर सके। रिवाइवल ट्रस्ट अरबपतियों की बॉडी स्टोर से उनके पैसे और बिजनेस को भी संभालेंगी ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि Cryopreservation तकनीक से कितने लोग अपनी बॉडी स्टोर करवाते हैं और साथ ही मनुष्यों को दोबारा ज़िंदा करने की कोई तकनीक विकसित होगी या नहीं । अगर ऐसी कोई तकनीक आ गई तो पूरी धरती पर भगवान के अस्तित्व को चुनौती देने वाले लोग भी खड़े हो जाएंगे । हालांकि सब भविष्य के गर्भ में है ।