tungabhadra dam : तुंगभद्रा बांध में 19वें गेट की चेन टूटी, सभी 33 गेट खोले, बाढ़ का खतरा

Parvesh Malik
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tungabhadra dam : कर्नाटक के तुंगभद्रा बांध में भारी बारिश के कारण जलस्तर के खतरनाक स्तर तक पहुंचने से एक बड़ी दुर्घटना का सामना करना पड़ा है। 19वें गेट की चेन टूटने के बाद, सभी 33 गेटों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह घटना तुंगभद्रा बांध के 70 साल के इतिहास में पहली बार हुई है, जिसने बांध की सुरक्षा और बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों को चुनौती दी है।

 

tungabhadra dam घटना का विवरण :

कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण तुंगभद्रा बांध के जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हुई। रविवार देर रात बांध के 19वें गेट की चेन अचानक टूट गई, जिससे करीब 35,000 क्यूसेक पानी नदी में बहने लगा। चेन के टूटने के कारण हुए नुकसान को देखते हुए, बांध के सभी 33 गेटों से पानी छोड़ा जाना शुरू कर दिया गया।

Chain of 19th gate broken in Tungabhadra Dam, all 33 gates opened, danger of flood
Chain of 19th gate broken in Tungabhadra Dam, all 33 gates opened, danger of flood

 

tungabhadra dam : तुंगभद्रा बांध की महत्वपूर्ण जानकारी:

विषय जानकारी
निर्माण साल 1949-1953
गेटाें की कुल संख्या 33
प्रभावित गेट 19 वां गेट
छाेड़ा गया पानी 1 लाख क्यूसेक

 

अधिकारियों की प्रतिक्रिया :

कोप्पल के जिला प्रभारी मंत्री शिवराज तंगदागी रविवार सुबह मौके पर पहुंचे और बांध की स्थिति का आकलन किया। अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पानी का दबाव कम करने के लिए एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। उन्होंने बताया कि बांध से लगभग 60 हजार मिलियन क्यूबिक फीट पानी छोड़े जाने के बाद ही 19वें गेट की मरम्मत शुरू की जा सकेगी।

Chain of 19th gate broken in Tungabhadra Dam, all 33 gates opened, danger of flood
Chain of 19th gate broken in Tungabhadra Dam, all 33 gates opened, danger of flood

 

इस दौरान, स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग सतर्क हैं और स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आसपास के गांवों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

 

tungabhadra dam पर बाढ़ नियंत्रण के प्रयास जारी :

सभी गेटों से पानी छोड़े जाने के बावजूद, बांध के आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता हो सकती है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण की तैयारी के तहत सभी आवश्यक उपकरण और संसाधन तैयार रखे हैं।

 

tungabhadra dam की मरम्मत और सुरक्षा :

तुंगभद्रा बांध का निर्माण 1949 में शुरू हुआ था और 1953 में इसे पूरा किया गया था। बांध ने पिछले 70 वर्षों में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, लेकिन यह पहली बार है कि किसी गेट की चेन टूटने से इतनी गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है।

तुंगभद्रा बांध की मौजूदा स्थिति कर्नाटक के जल संसाधनों और बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय का संकेत है। प्रशासन और अधिकारियों के तेज़ और समन्वित प्रयासों से अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता होगी।

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