GPS Navic: 3 साल में स्वदेशी जीपीएस नाविक करेगा देश को आत्मनिर्भर,कारगिल युद्ध के सबक से उपजी जरूरत

Anita Khatkar
3 Min Read

GPS Navic: 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना को विदेशी GPS की सबसे अधिक आवश्यकता थी, तब यह सेवा बाधित हो गई थी। इस समस्या ने देश में स्वदेशी जीपीएस सिस्टम विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया। अब, इसरो द्वारा विकसित स्वदेशी GPS Navic, अगले 2-3 साल में पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा, जिससे भारत की सेना और आम नागरिक दोनों को दिशा-निर्देश के लिए विदेशी जीपीएस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

इसरो अहमदाबाद के निदेशक ने बताया कि तकनीकी चुनौतियों के कारण इसमें देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही यह सिस्टम पूरी तरह से काम करने लगेगा। आइए जानते हैं, इस स्वदेशी जीपीएस और इससे जुड़े अन्य तकनीकी पहलु.

 

GPS Navic: स्वदेशी जीपीएस नाविक में हो रही देरी के पीछे की वजह

कारगिल युद्ध के बाद स्वदेशी जीपीएस प्रणाली विकसित करने का फैसला किया गया था, लेकिन इसे तैयार करने में तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सैटेलाइट्स को सही बिंदु पर कवर करना, जमीन पर रडार स्थापित करना और GPS NAVIGATION डिवाइस को अपग्रेड करना इस प्रणाली के निर्माण के प्रमुख घटक हैं। यह एक जटिल और समय-साध्य प्रक्रिया है। हालांकि, अगले 2-3 साल में यह तकनीक पूरी तरह कार्यशील हो जाएगी।

GPS Navic: ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी कैसे हो रही चोरी?

आजकल सैटेलाइट और मोबाइल टावरों के जरिए होने वाला कम्युनिकेशन हैकिंग के खतरे में है, जिससे OTP जैसी संवेदनशील जानकारी चोरी हो रही है। इसरो इस दिशा में भी कदम उठा रहा है। क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम पर काम चल रहा है, जो फोटॉन्स पर आधारित होगा। यदि इसमें कोई हस्तक्षेप होगा तो तुरंत कम्युनिकेशन रुक जाएगा, जिससे डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

GPS Navic: क्वांटम कम्युनिकेशन में कितनी मिली है सफलता?

नीलेश एम देसाई के अनुसार, अहमदाबाद में 300 मीटर की दूरी पर स्थित दो इमारतों के बीच क्वांटम कम्युनिकेशन सफलतापूर्वक किया गया है। अब इसरो जल्द ही दो सैटेलाइट्स लॉन्च कर अंतरिक्ष से इसका परीक्षण करेगा। यह तकनीक सैन्य और वित्तीय संचार को सुरक्षित करने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।

GPS Navic: 3 साल में स्वदेशी जीपीएस नाविक करेगा देश को आत्मनिर्भर,कारगिल युद्ध के सबक से उपजी जरूरत
GPS Navic: 3 साल में स्वदेशी जीपीएस नाविक करेगा देश को आत्मनिर्भर,कारगिल युद्ध के सबक से उपजी जरूरत

GPS Navic: मोबाइल कम्युनिकेशन का भविष्य क्या होगा?

भविष्य में मोबाइल कम्युनिकेशन में बड़ा बदलाव आने वाला है। जहां वर्तमान में मोबाइल संचार टावरों और ऑप्टिकल केबल्स पर निर्भर है, वहां छोटे सैटेलाइट्स का उपयोग किया जाएगा। इससे सैटेलाइट फोन की आवश्यकता कम हो जाएगी, और स्मार्टफोन टावर कवरेज और सैटेलाइट सिग्नल के बीच स्वचालित रूप से स्विच कर सकेंगे। यह तकनीक सेना के साथ-साथ दूरदराज के क्षेत्रों में भी बेहद फायदेमंद साबित होगी।

ISRO के इन कदमों से न केवल भारत को आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि रक्षा और संचार प्रणाली भी और अधिक मजबूत होगी।

Web Stories

Share This Article
सुबह-सुबह पीएं दालचीनी की चाय, मिलेंगे ये सारे फायदे लिवर को हेल्दी रखने के लिए क्या खाना चाहिए, ये 5 चीजें है जरुरी खाली पेट अंडा खाने से क्या होता है ? किशमिश का पानी पीने के 5 फायदे सोने से आधा घंटा पहले चबाएं धनिया की पत्तियां, महिनेभर में मिलेंगे 5 कमाल के फायदे।