Haryana Election 2024 : हरियाणा की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) को एक और बड़ा झटका लगा है। शाहबाद सीट से विधायक रामकरण काला ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया। रामकरण काला ने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में उनका कांग्रेस में स्वागत किया गया।
रामकरण काला ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि मैंने जनता की आवाज को सुनकर यह फैसला लिया है। कांग्रेस के नेतृत्व में हरियाणा की जनता की सेवा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना को भी खुलकर स्वीकार किया।
कांग्रेस में विधायकों की बढ़ती संख्या : जेजेपी में उथल-पुथल
JJP के अंदर उथल-पुथल जारी है। पिछले तीन दिनों में पार्टी के पांच विधायक अलग हो चुके हैं। इनमें रामकरण काला के साथ-साथ विधायक ईश्वर सिंह, देवेंद्र बबली, जोगीराम सिहाग, और रामकुमार गौतम भी पार्टी से दूरी बना चुके हैं।
दुष्यंत चौटाला के लिए बड़े झटकों का दौर :
दुष्यंत चौटाला के लिए यह घटनाक्रम बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। 2019 में जब JJP ने भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, तब उनके पास 10 विधायक थे। अब उनमें से आधे से ज्यादा विधायक या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या कांग्रेस और भाजपा की तरफ रुख कर चुके हैं।
जेजेपी क्या है आगे की रणनीति ?
सूत्रों के मुताबिक, JJP के अन्य विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि जोगीराम सिहाग, अनूप धानक और रामकुमार गौतम जल्द ही भाजपा या कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो JJP के पास महज 3 विधायक ही बचेंगे – दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला और अमरजीत ढांडा।
विकास कार्यों में भेदभाव के आरोप :
कई विधायकों ने JJP छोड़ने का कारण विकास कार्यों में भेदभाव को बताया है। रामनिवास सुरजाखेड़ा, जो पहले ही पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं, ने दुष्यंत चौटाला पर अपने हलके में विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाया है। वहीं, रामकुमार गौतम ने मंत्री पद न मिलने पर नाराजगी जताई थी।
आगे क्या होगा JJP का भविष्य ?
हरियाणा में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले JJP के लिए यह समय बेहद संवेदनशील है। पार्टी के अंदर बढ़ते असंतोष और विधायकों के लगातार अलग होने से पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ता दिख रहा है।
कांग्रेस का हौसला बुलंद :
दूसरी ओर, कांग्रेस के लिए यह घटनाक्रम उत्साहवर्धक है। प्रदेश में कांग्रेस के अंदर एकता और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व को देखते हुए, कई नेता कांग्रेस का रुख कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में यह सियासी दांव-पेंच किस ओर जाते हैं।
हरियाणा की राजनीति में तेजी से बदलते समीकरणों के बीच JJP की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। आने वाले समय में अगर पार्टी के और विधायक अलग होते हैं, तो दुष्यंत चौटाला के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। वहीं, कांग्रेस और भाजपा का कद राज्य में लगातार बढ़ता नजर आ रहा है।