method of fertilization: फसल की अच्छी उपज के लिए उचित उर्वरक प्रबंधन अत्यधिक महत्वपूर्ण है। खेती करते समय सही समय पर सही उर्वरक का प्रयोग, फसल के विकास और पोषक तत्वों की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है। किसान भाईयों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि खड़ी फसल में कौन से उर्वरक देना सही होता है और कौन से नहीं।
method of fertilization: बीज बोने के बाद पौधों की जड़ों तक कैसे पहुंचते हैं उर्वरक?
खेत में बीज बोते समय बीज और खाद को करीब 5 सेंटीमीटर की गहराई पर डाला जाता है। लेकिन जब फसल पूरी तरह उग जाती है, तब उसकी जड़ें 15 से 20 सेंटीमीटर की गहराई तक फैल जाती हैं। ऐसे में यह तय करना जरूरी हो जाता है कि कौन-सा उर्वरक जड़ों तक पहुंचेगा और कौन-सा नहीं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से उर्वरक के पोषक तत्वों की गतिशीलता पर निर्भर करती है।
method of nitrogen fertilization: सबसे ज्यादा गतिशील पोषक तत्व
नाइट्रोजन सबसे अधिक गतिशील पोषक तत्व है, जो कि पौधों के लिए अति आवश्यक होता है। इसलिए, किसान नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों को बुवाई से पहले और खड़ी फसल में भी उपयोग कर सकते हैं। यह तत्व तेजी से पौधों तक पहुंचता है और उनके विकास को बढ़ावा देता है। Nitrogen का सही समय पर इस्तेमाल फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों को बेहतर बनाता है।
method of pottasium fertilization: मध्यम गतिशीलता वाला पोषक तत्व

पोटेशियम की गतिशीलता नाइट्रोजन के मुकाबले थोड़ी कम होती है। जब पोटेशियम युक्त उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है, तो उसकी कुछ मात्रा जड़ों तक पहुंच जाती है और बाकी सतह पर रह जाती है। इसीलिए, पोटेशियम की उचित मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है ताकि पौधे को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सकें। पोटेशियम पौधों के लिए ऊर्जा संग्रह और जल संतुलन में भी मदद करता है।
method of phosphorus fertilization: सबसे कम गतिशील पोषक तत्व
फास्फोरस सबसे कम गतिशील पोषक तत्वों में से एक है। इसलिए इसे हमेशा बुवाई से पहले देना चाहिए ताकि पौधों की जड़ों को इसकी पर्याप्त मात्रा मिल सके। अगर phosphorus की आपूर्ति समय पर न की जाए, तो पौधों की जड़ों तक यह पहुंचने में कठिनाई हो सकती है। यह पौधों के विकास और जड़ों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है।
method of fertilization: सूक्ष्म पोषक तत्व: पत्तियों पर छिड़काव का महत्व
फसल को आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत भी होती है। इनकी आपूर्ति के लिए स्प्रे का सहारा लेना चाहिए, ताकि यह सीधे पौधे की पत्तियों पर पहुंचकर उसकी जरूरतों को पूरा कर सके। पत्तियों पर छिड़काव करके पौधों को ये सूक्ष्म पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं और उनकी वृद्धि में सहायता मिलती है।
किसान भाईयों को उर्वरक प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। नाइट्रोजन, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों की सही समय पर आपूर्ति फसल की गुणवत्ता को बढ़ाती है। इसके साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए पत्तियों पर छिड़काव एक प्रभावी उपाय है। सही उर्वरक के सही उपयोग से ही फसल का स्वस्थ विकास संभव है।