Haryana Orbital Rail Corridor: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद से विकास कार्यों में एक नई गति आई है। मुख्यमंत्री सैनी ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया है और इसके साथ ही राज्य में सड़कों से लेकर रेलवे तक के विकास कार्यों ने तेजी पकड़ ली है। इन विकास कार्यों से न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में भी परिवहन की सुविधा में सुधार होगा।
Haryana Orbital Rail Corridor:इस कड़ी में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस परियोजना के तहत पलवल, मानेसर और सोनीपत के बीच एक नई रेल लाइन बिछाई जाएगी, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव कम करने में मदद करेगी। इसके निर्माण से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदल जाएगी और क्षेत्र में एक नया विकासमान बन जाएगा।
Haryana Orbital Rail Corridor: हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) ने इस कॉरिडोर के विकास की योजना बनाई है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, इस परियोजना का सेक्शन ए धुलावट से बादशाह तक होगा, जिसकी कुल लंबाई 29.5 किलोमीटर होगी। यह विद्युतीकृत दोहरी ट्रैक रेलवे लाइन नूंह और गुरुग्राम जिलों से होकर गुजरेगी। इस रेल कॉरिडोर पर कुल 14 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें सोनीपत से लेकर तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल शामिल हैं।
Haryana Orbital Rail Corridor:यह रेल कॉरिडोर मारुति सुजुकी के प्लांट से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित होगा, जिससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण होगी।
रेल कॉरिडोर की विशेषताएं
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों से प्रतिदिन 5 करोड़ टन माल का परिवहन संभव होगा। यह रेलवे ट्रैक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ाने की क्षमता रखेगा। खास बात यह है कि इस कॉरिडोर में 2 सुरंगें भी बनाई जाएंगी, जिनका निर्माण इस तरह किया जाएगा कि स्टैक कंटेनर भी आसानी से गुजर सकें। इन सुरंगों की लंबाई 4.7 किलोमीटर, ऊचाई 111 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी।
Haryana Orbital Rail Corridor:इस रेल कॉरिडोर से गाड़ियों का लोड आसानी से रेलवे ट्रैक पर लाया जा सकेगा, जिससे सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही कम होगी। इसका सीधा फायदा प्रदूषण नियंत्रण में होगा और डीजल की बचत भी होगी। साथ ही, हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर पृथला और तावडू में समर्पित माल गलियारे को जोड़ेगा, जिससे देश के किसी भी हिस्से में कम समय में कारों की डिलीवरी की जा सकेगी।
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी, बल्कि पूरे राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।