Jind Weather alert : हरियाणा के जींद में शुक्रवार से पश्चिमी दिशा से चलने वाली (पिछवा) हवा चल पड़ी है। इससे जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पानी दिया है, उनकी फसल पूरी तरह से बिछ गई है। तीन से चार दिन तक ये हवा चलती हैं तो गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन अगर चार दिन से ज्यादा चली तो पौधों के अंदर की सारी नमी को सूखा देंगी, इससे फसल उत्पादन पर असर पड़ेगा। इस दौरान किसानों को सिंचाई के लिए सोचना पड़ेगा।
जींद जिले में दो लाख 15 हजार हैक्टेयर में गेहूं की फसल की बिजाई की गई है। शनिवार को जींद और आसपास के क्षेत्र में बादल छाए रहे। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री और अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक रहने का अनुमान है। 13 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हवाएं चल रही हैं। कृषि वैज्ञानिक डा. यशपाल मलिक का कहना है कि ये हवाएं अगर जनवरी में चलती तो पाला भी जम सकता था, क्योंकि पश्चिमी हवाओं के चलते तापमान कम हो जाता है और नमी को ये हवा सोख लेती है।
अब तीन से चार दिन तक इन हवाओं का कोई नुकसान नहीं है लेकिन अगर चार दिन से ज्यादा इस तरह की हवाएं चलती हैं तो फिर किसानों को सिंचाई के बारे में विचार करना पड़ेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चार दिन से ज्यादा ये हवाएं चलती हैं तो फिर 15 दिन तक चलती हैं। इस पिछवा हवा के कारण गेहूं की बाली के अंदर का रस, पौधों के नीचे की नमी, पत्ते तक सूखने लग जाते हैं। ऐसे में फसल में हल्की सिंचाई की जरूरत रहेगी।
चार दिन तक किसान सिंचाई न करें तो बेहतर होगा, क्योंकि तेज हवा चली तो फसल गिरकर बिछ जाएगी लेकिन अगर इससे आगे भी हवा चलती है तो फिर सिंचाई जरूरी है। वहीं डा.यशपाल मलिक ने बताया कि कीट, पतंगों, कीड़े-मकोड़ों के लिए ये हवाएं अनुकूल नहीं है और जब तक ये हवाएं चलेंगी, फसल में बीमारी नहीं आएगी।
मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार का कहना है कि 11 फरवरी तक मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि इस दौरान बादलवाई छाएगी। गेहूं की फसल को फिलहाल ठंड की जरूरत है। सुबह शाम की ठंड और हल्की धुंध गेहूं की फसल के लिए लाभदायक रहेगी। फल व सब्जियों के लिए भी यह मौसम अनुकूल बना हुआ है।