Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण: देखिए दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का कितना है योगदान

Sonia kundu
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Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसके प्रभाव से न केवल वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल रहा है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर का एक प्रमुख कारण पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा की जाने वाली पराली जलाने की प्रक्रिया भी मानी जाती है। आइए, जानते हैं कि पराली जलाने का दिल्ली-NCR के प्रदूषण में कितना योगदान है।

Delhi Pollution: पराली जलाने का प्रदूषण में योगदान

जब किसान फसल काटने के बाद बचे हुए पौधों के अवशेष, जिसे पराली कहा जाता है, को जलाते हैं, तो यह प्रक्रिया हवा में कई हानिकारक गैसें छोड़ती है। इनमें प्रमुख हैं:

कार्बन मोनोऑक्साइड: यह गैस रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को कम कर सकती है।

सल्फर डाइऑक्साइड: यह सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन पैदा कर सकती है।

नाइट्रोजन ऑक्साइड: यह अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकता है।

इन सभी हानिकारक पदार्थों का वातावरण में घुलना वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ाता है। इसके साथ ही, पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।

Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में पराली जलाने का प्रभाव

हरियाणा और पंजाब के पास होने के कारण दिल्ली-NCR पराली जलाने के धुएं से सीधे प्रभावित होती है। विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, जब हवा की गति कम होती है, तब पराली से निकलने वाला धुआं दिल्ली-NCR के आसमान को ढक लेता है। यह धुआं वायु प्रदूषण के स्तर को बहुत अधिक बढ़ा देता है। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि दिल्ली-NCR के प्रदूषण में पराली जलाना एक मात्र कारण नहीं है।

दिल्ली-NCR में प्रदूषण के अन्य कारण

एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण के कई अन्य कारण भी हैं:

Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण: देखिए दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का कितना है योगदान
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण: देखिए दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का कितना है योगदान

1. भौगोलिक स्थिति: दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और मौसम की स्थिति, जैसे कि ठंडी हवा और कम तापमान, प्रदूषण को बढ़ाने में मदद करते हैं। जब वातावरण में तापमान गिरता है, तो प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।

2. आंतरिक प्रदूषण: दिल्ली में लाखों गाड़ियां चलती हैं, जो कि वायु प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं। इसके अलावा, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्य भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाते हैं।

3. अन्य कारक: शहर में धूल, कचरा जलाना और निर्माण सामग्री का धूल उड़ना भी वायु गुणवत्ता को खराब करने में सहायक होते हैं।

इस प्रकार, दिल्ली-NCR के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान अवश्य है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रदूषण के सभी कारकों का ध्यान रखना आवश्यक है।

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