Shaheed Pradeep Nain Biography : 5 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार शहीद हुआ पैरा कमांडो प्रदीप नैन,

पढ़िये प्रदीप नैन के बहादुरी के किस्से

Sonia kundu
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जींद के जाजनवाला गांव निवासी लांस नायक पैरा कमांडो प्रदीप मोर 29 वर्ष की उम्र में 6 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में  (Shaheed Pradeep Nain Biography) कुलगाम जिले के मोदेरगाम में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया। प्रदीप नैन ने अपने देश के लिए प्राणों की आहूति देने से पहले पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा। हम यहां आपको बताते हैं प्रदीप नैन की बहादुरी के किस्से। प्रदीप 30 हजार फीट की ऊंचाई से जंप कर जाता था।

जींद जिले के नरवाना क्षेत्र के गांव जाजनवाला के किसान बलवान सिंह नैन के घर में जन्में प्रदीप नैन (Para commando Pardeep Nain) का बचपन से ही सेना के प्रति जुनून था। प्रदीप नैन बहुत ही फुर्तिला था। 12वीं कक्षा के बाद प्रदीप नैन ने सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। प्रदीप आर्मी फिजिकल को एक्सीलेंट में पास कर देता लेकिन वह परीक्षा में रह जाता। प्रदीप ने दो बार फिजिकल क्लीयर कर लिखित परीक्षा दी लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। तीसरी बार फिर से एक्सीलेंट में फिजिकल क्लीयर कर लिखित परीक्षा की तैयारी की।

17 जनवरी 2015 का वो दिन, जब आर्मी भर्ती का फाइनल परिणाम आया और प्रदीप नैन का हिसार में आर्म्ड फोर्स की भर्ती में चयन हो गया। प्रदीप के पिता बलवान नैन ने बताया कि उनके परिवार व कुनबे में कोई ऐसा कोई नहीं है, जो सेना में गया हो। प्रदीप नैन की 18 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसकी पहली पोस्टिंग अमृतसर में हुई थी। उसके बाद वह कई जगहों पर रहा। अब उसकी पोस्टिंग हिमाचल प्रदेश के नाहन में थी। प्रदीप ने नौकरी के दौरान ही ग्रेजुएशन की और लेफ्टिनेंट की परीक्षा दी लेकिन इसमें वह उत्तीर्ण नहीं हो पाया।

Pradeep Nain : 30 हजार मीटर की ऊंचाई से करता था स्काई डाइविंग, बनाता था वीडियो

प्रदीप नैन जांबाज और निडर पैरा कमांडो था और वह हजारों मीटर की ऊंचाई से छलांग लगा देता था। साल 2019 के अगस्त महीने में प्रदीप ने पैरा कमांडो स्पेशल फोर्स ज्वाइन की। उसे टैंक से लेकर आधुनिक गन का बखूबी ज्ञान था। पीटी परेड हो या फिर दूसरी एक्टिविटी, उनमें प्रदीप पहले नंबर पर आता था। प्रदीप को स्काई डाइविंग का शौक था और अपने इस शौक को उसने अपना पैशन बनाया हुआ था।

 

Shaheed Pradeep Nain Biography
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प्रदीप नैन दूसरे कमांडों और फौजियों को वह स्काई डाइविंग की डेमो देकर दिखाता था। प्रदीप 30 हजार मीटर की ऊंचाई से जंप कर के वीडियो बना लेता था। प्रदीप ने 100 से ज्यादा बार स्काई डाइविंग की होगी, जो सभी के बस की बात नहीं है। प्रदीप की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पैरा कमांडो की ट्रेनिंग 350 फौजियों ने ली थी लेकिन इनमें 25 ही सिलेक्ट हुए थे और प्रदीप नैन इन 25 कमांडों में टाप-10 में था।

 

Shaheed Pradeep Nain Biography
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Pardeep Nain : दो दर्जन से ज्यादा आप्रेशन कर चुका था लीड

प्रदीप नैन के बैचमेट रहे मोहित शर्मा ने बताया कि प्रदीप ने दो दर्जन से ज्यादा सफल आपरेशन को अंजाम दिया था। जिस भी आपरेशन में प्रदीप शामिल होता तो खुद सबसे आगे रहकर लीड करता था। मौत का मानों उसे कोई खौफ ही नहीं है। प्रदीप नैन को बहादुरी के लिए सर्वश्रेष्ठ वालंटीयर का खिताब भी मिल चुका था। पिता बलवान सिंह नैन के अनुसार वह छह या आठ माह में छुट्टी लेकर घर आता था। प्रदीप घर पर आता था, तो वह गांव के बच्चों को सेना में जाने की तैयारी करवाता रहता था।

आठ जुलाई को गांव में हुआ अंतिम संस्कार

आठ जुलाई को पैरा कमांडो शहीद प्रदीप नैन का अंतिम संस्कार गांव में किया गया। उनके शहीद होने की सूचना गांव में दो दिन पहले ही मिल चुकी थी। ऐसे में हजारों लोग दो दिन से सदमे रहे, लेकिन जैसे ही सोमवार सुबह करीब नौ बजे बलिदानी प्रदीप नैन (Myrter Pradeep Nain ) का पार्थिव शरीर गांव में लाया गया, हजारों आंखें एक दम छलक पड़ी। हर किसी ने नम आंखों से प्रदीप नैन का श्रद्धांजलि दी।

 

Shaheed Pradeep Nain Biography
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शहीद प्रदीप नैन (martyred Pradeep Nain) के पार्थिव शरीर के लाने से पहले ही क्षेत्र भर के लोगों ने पूरे गांव को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। जाजनवाला गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर गांव कल्लर भैणी से ही युवा दुपहिया वाहनों व गाड़ियों पर तिरंगे लगाकर खड़े थे। जैसे ही सेना के वाहन बलिदानी प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर लेकर आए, युवाओं ने देश भक्ति के नारे लगाते हुए इनकी अगुवाई की।

 

शहीद प्रदीप नैन के अंतिम संस्कार की वीडियो लिंक पर क्लिक कर यहां देखें

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