Digital arrest kya hai: डिजिटल अरेस्ट: साइबर फ्रॉड का नया तरीका:पीएम मोदी की चिंता जानें डिजिटल अरेस्ट क्या है और कैसे करें इससे बचाव

Anita Khatkar
7 Min Read

Digital arrest kya hai: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात के 115वें एपिसोड में एक ऐसे मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है, जो पूरे देश में तेजी से फैल रहा है। यह विषय है डिजिटल अरेस्ट, जो दरअसल साइबर फ्रॉड का एक नया तरीका है। इस लेख में हम डिजिटल अरेस्ट के बारे में विस्तार से जानेंगे, पीएम मोदी ने इसके बारे में क्या कहा और हम इससे कैसे बच सकते हैं।

Digital arrest kya hai: क्या है यह नया फ्रॉड?

डिजिटल अरेस्ट असल में साइबर फ्रॉड का एक तरीका है जिसमें ठग लोग पुलिस, सीबीआई, ईडी, कस्टम, आयकर, या नारकोटिक्स के अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल करते हैं। यह ठग पीड़ित पर या उनके करीबियों पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद, वे पीड़ित को तुरंत वीडियो कॉल करने के लिए कहते हैं, ताकि वे उन्हें गिरफ्तार करने के लिए डराएं।

ठग वीडियो कॉल पर जाली आईडी या अदालती दस्तावेज दिखाकर पीड़ित को धमकाते हैं और उन पर गिरफ्तारी से बचने के लिए जुर्माना देने का दबाव डालते हैं। इस प्रकार का फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है और इससे हर उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं।

Digital arrest kya hai: पीएम मोदी की चिंता और सुझाव

Digital arrest kya hai:प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में घबराने की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार, कोई भी एजेंसी न तो धमकी देती है, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है और न ही पैसों की मांग करती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जब भी ऐसी कोई कॉल आए, तो वे शांत रहें और जल्दीबाजी में कोई निर्णय न लें।

उन्होंने कहा, “रूको, सोचो, और फिर एक्शन लो।” इसका मतलब है कि पहले स्थिति का सही से आकलन करें और फिर उचित कदम उठाएं। पीएम मोदी ने भी लोगों से कहा कि वे इस तरह की कॉल आने पर राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें और साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें।

Digital arrest se kaise bachen: डिजिटल अरेस्ट से बचने के उपाय

Digital arrest kya hai:डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:

1. रुको, सोचो, और फिर एक्शन लो: किसी भी कॉल का तुरंत जवाब देने से पहले स्थिति का आकलन करें। ठगों के डराने-धमकाने वाले तरीकों पर ध्यान न दें।

2. किसी भी संवेदनशील जानकारी को साझा न करें: फोन या वीडियो कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स या किसी अन्य संवेदनशील जानकारी को साझा न करें।

3. वीडियो कॉल न करें: यदि कोई खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी बताता है, तो उनके साथ वीडियो कॉल करने से बचें। इसके बजाय, उनकी पहचान को सत्यापित करें।

4. सरकारी एजेंसियों से संपर्क करें: यदि आपको किसी संदिग्ध कॉल का सामना करना पड़ता है, तो स्थानीय पुलिस या राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रिपोर्ट करें।

5. सामाजिक जागरूकता फैलाएं: अपने परिवार और दोस्तों को डिजिटल अरेस्ट के बारे में जागरूक करें। उन्हें बताएं कि यह केवल एक स्कैम है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

 

Digital arrest par grah mantralay: गृह मंत्रालय की पहल

गृह मंत्रालय भी इस बढ़ते साइबर क्राइम पर चिंता जताते हुए लोगों को सतर्क करने के लिए कई अभियान चला रहा है। मंत्रालय की साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस ब्रांच, जिसे साइबर दोस्त (Cyber dost) के नाम से जाना जाता है, नियमित रूप से लोगों को डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ जागरूक कर रही है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पोस्ट करके बताया है कि डिजिटल अरेस्ट केवल एक स्कैम है और वास्तविक अधिकारी कभी भी कॉल या वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करते हैं।

Farzi digital arrest: डिजिटल अरेस्ट: एक फर्जी धमकी

Digital arrest kya hai:यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज वास्तविकता में नहीं होती। यह सभी धमकियां पूरी तरह से फर्जी होती हैं और इनका उद्देश्य केवल लोगों से पैसे ठगना होता है। ठग फोन कॉल के माध्यम से लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे किसी सरकारी एजेंसी से हैं और उन्हें तुरंत पैसे भेजने का दबाव डालते हैं।

Digital arrest kya hai: डिजिटल अरेस्ट: साइबर फ्रॉड का नया तरीका:पीएम मोदी की चिंता   जानें डिजिटल अरेस्ट क्या है और कैसे करें इससे बचाव
Digital arrest kya hai: डिजिटल अरेस्ट: साइबर फ्रॉड का नया तरीका:पीएम मोदी की चिंता जानें डिजिटल अरेस्ट क्या है और कैसे करें इससे बचाव

Digital arrest par jagruk kaise bane: समाज में बढ़ती जागरूकता

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में लोगों से आग्रह किया कि वे इस विषय पर अधिक जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के फरेब का शिकार होने वाले लोग हर वर्ग के हो सकते हैं, और डर की वजह से कई लोग अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि हम सभी सतर्क रहें और इस प्रकार के फरेब से बचें।

डिजिटल अरेस्ट का मामला तेजी से बढ़ रहा है और इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य लोगों को डराकर उनसे पैसे ठगना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर जागरूकता फैलाने की जरूरत बताई है और इसके लिए रुको, सोचो और एक्शन लो का मंत्र साझा किया है।

यदि आप भी Digital arrest या किसी अन्य साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। इस प्रकार के फरेबों से खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए हमेशा सतर्क रहें और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें।

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