Haryana Forest Guards Recruitment 2025: हरियाणा के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान फॉरेस्ट गार्ड के 1000 खाली पदों को जल्द भरने के लिए मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह पद वन विभाग की नींव हैं और इन्हें भरने से विभाग की कार्यक्षमता में सुधार होगा।
Haryana Forest Guards Recruitment 2025: इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री ने राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान को नई सुविधाओं के साथ विकसित करने और पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों को भी उन्नत करने पर जोर दिया गया।
Haryana Forest Guards Recruitment 2025: हरियाणा में वृक्ष आवरण बढ़ाने का लक्ष्य
बैठक में यह भी तय हुआ कि वर्तमान में हरियाणा का 7.75% वृक्ष आवरण 10% तक बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। 22 जिलों में हर जिले में एक लाख पौधे लगाए जाएंगे और उनकी चार साल तक देखभाल की जाएगी। इसके साथ ही, मंत्री ने हरित गुरुग्राम-हरित अभियान चलाने की घोषणा की है।
काबुली कीकर की समस्या पर समाधान
सड़कों के किनारे उगने वाले काबुली कीकर की समस्या को हल करने के लिए, हर साल इसकी 10% छंटाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके स्थान पर छायादार पौधे लगाए जाएंगे, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख
मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को पारदर्शी तरीके से काम करने और लंबित फाइलों को 15 दिन के भीतर निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और फील्ड में जाकर समस्याओं को समझने पर बल दिया।
जल संरक्षण और वन महोत्सव पर फोकस
मंत्री ने पहाड़ों में ऐसे स्थलों की पहचान करने को कहा जहां बारिश के पानी को रोकने और संग्रहित करने के लिए तटबंध बनाए जा सकें। इसके अलावा, वन महोत्सव के अवसर पर 22 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई गई है।
ग्रीन इंडिया मिशन और पौधागिरी योजना को मिलेगा बल
राज्य में ग्रीन इंडिया मिशन और पौधागिरी योजना जैसी योजनाओं को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने राज्यभर में हर्बल पार्क, नर्सरी और ऑक्सी-चैन स्थापित करने की प्रगति की जानकारी दी।
इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदीश चंद्र और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।