Kharak Jatan tradition : हरियाणा के गांव खरक जाटान में सामाजिक सद्भाव के लिए एक दिन का बंध शुक्रवार मध्य रात्रि से लगाया गया था। जिसे शनिवार रात 12 बजे खोला जाएगा। बता दें कि यह बंध पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए लगाया जाता है।
बंध में गांव का कोई भी व्यक्ति सीमा से बाहर नहीं जा सका और न ही कोई व्यक्ति इस दौरान गांव के अंदर आ पाया। इस गांव के ग्रामीण दशकों से इस परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं और इसके सार्थक परिणाम भी मिले हैं।जिससे लोगों की आस्था ( Kharak Jatan tradition)साल दर साल और अधिक बढ़ी है। गांव में अब यह बंध लगाया जाना एक सामाजिक परंपरा बन चुका है।
ग्रामीण बलवान जांगड़ा ने बताया कि दशकों पूर्व से मवेशियों की सलामती के लिए बुजुर्ग गांव में 24 घंटे के लिए गांव की सीमाओं को सील करने का अनुष्ठान करते आए हैं। अनुष्ठान का मुख्य ध्येय मजदूर किसान की वास्तविक पूंजी मवेशियों को दुरुस्त रखना था ( Kharak Jatan tradition)और वह अपने इस कार्य में सफल भी रहे।
वर्तमान में बुजुर्गों द्वारा शुरू की परपंरा का निर्वाह ग्रामीण पूरे सम्मान से कर रहे हैं। यह अनुष्ठान भादो शुक्लपक्ष के प्रथम शनिवार को पूरी निष्ठा से किया जाता है।
आस-पड़ोस के गांवों में करवाई मुनादी
इसके लिए गांव वासियों ने आस पड़ोस के गांवों में सूचना के लिए( Kharak Jatan tradition)मुनादी करवा दी गई थी।इसके अलावा कोई रिश्तेदार गांव में नहीं आया। ग्रामीणों के अनुसार यदि कोई मेहमान गलती से आ भी जाता है तो उसके ठहरने का बंदोबस्त गांव से बाहर सीमा पर किया गया था।
गांव में बना सामूहिक भोजन, कीर्तन भी किया गया
गांव में लगे बंध के दौरान खीर, चूरमा व हलवा आदि ( Kharak Jatan tradition)मीठा सामूहिक भोजन बनाया गया। सभी ग्रामीणों ने एक स्थान पर भोजन खाया। क्योंकी किसी के भी घर में अलग से भोजन नहीं बनेगा।