Child marriage case : जींद में साल-दर-साल घट रहे बाल विवाह के मामले, 10 साल में रूकवाए 310 बाल विवाह, 3 FIR दर्ज, खुद लड़कियां कर रही शिकायतें

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Child marriage case : जींद में साल-दर-साल घट रहे बाल विवाह के मामले, 10 साल में रूकवाए 310 बाल विवाह, 3 FIR दर्ज, खुद लड़कियां कर रही शिकायतें
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Child marriage case :जींद जिले में बेटियां बाल विवाह रूपी पुरानी  परंपरा की बेड़ियों तो तोड़ इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने लगी हैं। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग की सख्ती और बेटियों की जागरूकता का ही परिणाम है कि हर साल बाल विवाह के मामलों में कमी आ रही है। पिछले 10 सालों में विभाग द्वारा करीब 310 बाल विवाह रूकवाए गए हैं। इनमें 15 प्रतिशत मामलों में बाल विवाह की शिकायत करने वाली खुद वो लड़कियां ही हैं, जिनका विवाह करवाया जा रहा होता है। बाल विवाह को लेकर बेटियों की सोच में बदलाव साफ देखा जा सकता है।

Child marriage case : बाल विवाह संरक्षण अधिनियम बनाने के बाद 10 साल पहले तक महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के पास इक्का-दुक्का शिकायतें पहुंचती थी, वह भी गुपचुप तरीके से। वर्ष 2015 में सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया और बेटियों को उनके अधिकारों के बारे बताया गया। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग ने भी लोगों को जागरूक किया। विभाग के प्रयास और बेटियों की जागरूकता से जींद जिले में बाल विवाह के मामले धीरे-धीरे कम होने लगे। खुद नाबालिग बन्नो ही इस प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने लगी।

Child marriage case : जिले में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लड़कियाें ने खुद ही फोन कर महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग को सूचना दी है। वह किसी भी सूरत में बालिका वधू नहीं बनना चाहती। विभाग को सूचना मिलने पर बाल विवाह को रूकवाया जाता है और माता-पिता से एफिडेविट पर लिखवाया जाता है कि वह लड़की के बालिग होने तक वह शादी नहीं करवाएंगे। 10 साल पहले तक तक प्रतिवर्ष 100 से ज्यादा मामले आते थे लेकिन अब 50 से भी कम केस आते हैं।

पिछले 10 सालों का बाल विवाह रूकवाए जाने के मामले
साल -बाल विवाह के केस आए
2015-16 -50
2016-17 -57
2017-18 -48
2018-19 -42
2019-20 -19
2020-21 -50
2021-22 -16
2022-23 -18
2023-24 -12
2024-25 अब तक -8

Child marriage case : जींद में साल-दर-साल घट रहे बाल विवाह के मामले, 10 साल में रूकवाए 310 बाल विवाह, 3 FIR दर्ज, खुद लड़कियां कर रही शिकायतें
Child marriage case : जींद में साल-दर-साल घट रहे बाल विवाह के मामले, 10 साल में रूकवाए 310 बाल विवाह, 3 FIR दर्ज, खुद लड़कियां कर रही शिकायतें

ग्रामीण क्षेत्रों में भी आई जागरूकता
बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, इसके बूते ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता आने लगी है। ग्रामीण लोग भी अब समझने लगे हैं कि बाल विवाह से जहां लड़कियों को शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ती है, वहीं उनके भविष्य पर भी तलवार लटक जाती है। बाल विवाह होने से अनेक लड़कियों के सपने दम तोड़ जाते हैं, इसलिए बेटियों को उनके हौंसलों की उड़ान भरने से अब स्वजन नहीं रोकते।

बाल विवाह के ये कारण आ रहे सामने
बाल विवाह की सूचना के बाद जब विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है तो काउंसिलिंग में कई कारण सामने आए हैं। इनमें माता-पिता का अनपढ़ होना, पिता शराबी होना, बच्चे ज्यादा होना, बड़ी बेटी के साथ छोटी बेटी की शादी, घर से भागने का डर, अनपढ़ता प्रमुख कारण हैं। कई मामलों में तो विभाग की टीम मौके पर जाकर कानून के बारे में बताती है, इसके बाद स्वजन अपनी गलती स्वीकार करते हैं।

2 साल तक की सजा का है प्रावधान
बाल विवाह एक संगीन अपराध है, इसके अपराध में 2 साल तक की गैर-जमानती सजा और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है। उनकी टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्कूल-कालेजों में सेमिनार लगाए जाते हैं। सभी से अपील है कि आपके आसपास कोई बाल विवाह होता है तो इसकी सूचना डायल 112 पर दी जा सकती है। इसके अलावा मोबाइल नंबर 9100310031 पर भी सूचना दी जा सकती है। बाल विवाह की सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है।
–रवि लोहान, सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी, जींद।

वर्जन..
विभाग कर रहा जागरूक : सुनीता
महिला संरक्षक एंव बाल विवाह निषेध विभाग की टीम द्वारा लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उनकी अपील है कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिले तो तुरंत उनके पास सूचना दें। बाल विवाह, बचपन खत्म कर देता है। इससे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता है।
–सुनीता, जिला महिला संरक्षक एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी

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