Bijli Complain Number : बिजली लाइन से है जानमाल का खतरा तो फोटो खींच मोबाइल नंबर 9050960500 पर करें व्हाट्सएप, होगा समाधान

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
If there is danger to life or property from power line then take photo and WhatsApp on mobile number 9050960500, solution will be given.
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Bijli Complain Number : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंधक निदेशक पीसी मीणा ने कहा कि आम नागरिकों की सुरक्षा ही उनकी प्राथमिकता है। अब बिजली की लाइन से संबंधित किसी भी प्रकार के खतरे की सूचना सीधे मुख्यालय को दी जा सकेगी।

 

कार्यकारी अभियंता (सुरक्षा) के मोबाइल व्हाट्सएप नंबर 9050960500 पर कोई भी नागरिक ऐसे स्थान का फोटो, वीडियो, गूगल लोकेशन या लैंडमार्क, उपमंडल क्षेत्र के नाम के द्वारा जानकारी दे सकता है, जहां टूटे हुए खंभे, बिजली की तारों, सपोर्ट वायर, अर्थ वायर, ट्रांसफार्मर, मीटर बाक्स अथवा अन्य किसी में आने वाले करंट से जानमाल का खतरा हो। निगम द्वारा उसे तुरंत ही ठीक करवाया जाएगा। अगले 15 दिनों के भीतर क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा अभियान चला कर शुरुआत में ही सारे क्षेत्र में सुधार करेंगे।

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इस बारे में निर्देश देते हुए पीसी मीणा ने कहा कि एक बिजली वितरण कंपनी के रूप में, एक सुरक्षित और दुर्घटनामुक्त प्रणाली बनाए रखना हमारा दायित्व है। नागरिकों को किसी भी प्रकार के जान-माल का खतरा नहीं हो, बिजली निगम की लाइन से किसी व्यक्ति एवं कर्मचारी को कोई नुकसान न हो, इसके लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कार्यकारी अभियंता को सुरक्षा अधिकारी लगाया है। ऐसा डीएचबीवीएन में पहली बार हुआ है कि किसी कार्यकारी अभियंता को सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है।

 

हाल ही में किए गए आवलोकन में विद्युत लाइनों, खंभों, ट्रांसफार्मर, फीडर, उपभोक्ता आवासों की विद्युत संपत्तियों की खतरनाक स्थितियों को उजागर किया है। मीटर और मीटर बाक्स खंभों पर स्थापित किए गए। ये कभी-कभी घातक और गैर-घातक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। उन्होंने बताया कि इसी के मद्​देनजर क्षेत्र प्रभारी को नियमित रूप से सभी विद्युत संपत्तियों की गश्त करनी है और नामित फीडर प्रभारी को विद्युत प्रणाली के नियमित रख-रखाव और सुरक्षित स्थिति में रख-रखाव के लिए एक निगरानी पुस्तिका बनाए रखनी है।

इस पुस्तिका में सिस्टम में पाए जाने वाले सभी दोषों व कमियों को जीपीएस निर्देशांक सहित शामिल किया जाना है। इसमें फीडर का नाम, ट्रांसफार्मर का नाम, क्षेत्र, जीपीएस लोकेशन के साथ पाई गई या देखी गई कमियां एवं किए गए अनुरक्षण कार्य का विवरण दर्ज करना है। प्रत्येक माह के अंत में एएलएम, एलएम, एएफएम, जेई और एसडीओ को संबंधित आपरेशन के कार्यकारी अभियंता के माध्यम से संबंधित एसई को एक प्रमाण पत्र और गश्त रिकार्ड जमा करना होगा। प्रमाणपत्र में लिखा होना चाहिए कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत प्रणाली ठीक से बनी हुई है और संभावित खतरों से मुक्त है।

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